दिल्ली में नर्सरी दाखिले को हरी झंडी
Wed, 07 May 2014
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। राजधानी के स्कूलों में अपने नन्हें-मुन्नों के नर्सरी में प्रवेश की बाट जोह रहे अभिभावकों को बुधवार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने नर्सरी प्रवेश पर लगी रोक हटा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले 24 बच्चों को अंतरराज्यीय श्रेणी में दाखिला देने के लिए दिल्ली सरकार को आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने अन्य राज्यों से स्थानांतरित होकर आए अंतरराज्यीय स्थानांतरण श्रेणी में अपने बच्चों का प्रवेश मांग रहे माता-पिता की याचिकाएं निपटाते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने अंतरराज्यीय स्थानांतरण श्रेणी समाप्त करने वाली दिल्ली सरकार की गत 27 फरवरी की अधिसूचना रद कर दी है। हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि अंतरराज्यीय श्रेणी के बच्चों को राहत देने वाला उनका यह आदेश सिर्फ याचिका दाखिल करने वाले 24 बच्चों पर ही लागू होगा। यानी सिर्फ इन्हीं बच्चों को जिनका नाम पहले ही ड्रॉ में निकल चुका है इस श्रेणी में दाखिला मिलेगा। इस श्रेणी के तहत ड्रॉ में नाम आने के बावजूद अन्य बच्चों को अंतरराज्यीय श्रेणी में प्रवेश नहीं मिल पाएगा।
मालूम हो कि दिल्ली के स्कूलों में नर्सरी प्रवेश के नियम तय हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले साल 18 दिसंबर को पहली अधिसूचना निकाली और नर्सरी प्रवेश के दिशानिर्देश तय किए। इस अधिसूचना के मुताबिक 100 अंक निश्चित किए गए जिनके आधार पर नर्सरी में प्रवेश के लिए विचार होना था। इसमें 70 अंक पड़ोस में रहने वाले बच्चों के थे। 20 अंक उसी स्कूल में भाई-बहन के पढ़ने पर तय थे और पांच अंक उसी स्कूल के पूर्व छात्र होने के हैं। इसके अलावा पांच अंक अन्य राज्यों से स्थानांतरित होकर आए लोगों के लिए अतरराज्यीय श्रेणी के लिए तय थे।
27 फरवरी को दिल्ली सरकार ने नई अधिसूचना जारी की और अंतरराज्यीय श्रेणी समाप्त कर दी। लेकिन इस समय तक नर्सरी में प्रवेश के लिए आवेदन हो चुके थे और ड्रॉ भी निकल चुका था। अगले दिन यानी 28 फरवरी से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होनी थी। ड्रॉ में अंतरराज्यीय श्रेणी में प्रवेश में नाम आने वाले कुछ अभिभावकों ने यह श्रेणी समाप्त किए जाने को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। हाई कोर्ट ने गत तीन अप्रैल को इस श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों में प्रवेश शुरू करने का आदेश दिया।
इसके खिलाफ 22 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं और अंतरराज्यीय श्रेणी में ही प्रवेश देने की मांग की गई। शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए गत 11 अप्रैल को नर्सरी प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
Wed, 07 May 2014
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। राजधानी के स्कूलों में अपने नन्हें-मुन्नों के नर्सरी में प्रवेश की बाट जोह रहे अभिभावकों को बुधवार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने नर्सरी प्रवेश पर लगी रोक हटा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले 24 बच्चों को अंतरराज्यीय श्रेणी में दाखिला देने के लिए दिल्ली सरकार को आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने अन्य राज्यों से स्थानांतरित होकर आए अंतरराज्यीय स्थानांतरण श्रेणी में अपने बच्चों का प्रवेश मांग रहे माता-पिता की याचिकाएं निपटाते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने अंतरराज्यीय स्थानांतरण श्रेणी समाप्त करने वाली दिल्ली सरकार की गत 27 फरवरी की अधिसूचना रद कर दी है। हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि अंतरराज्यीय श्रेणी के बच्चों को राहत देने वाला उनका यह आदेश सिर्फ याचिका दाखिल करने वाले 24 बच्चों पर ही लागू होगा। यानी सिर्फ इन्हीं बच्चों को जिनका नाम पहले ही ड्रॉ में निकल चुका है इस श्रेणी में दाखिला मिलेगा। इस श्रेणी के तहत ड्रॉ में नाम आने के बावजूद अन्य बच्चों को अंतरराज्यीय श्रेणी में प्रवेश नहीं मिल पाएगा।
मालूम हो कि दिल्ली के स्कूलों में नर्सरी प्रवेश के नियम तय हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले साल 18 दिसंबर को पहली अधिसूचना निकाली और नर्सरी प्रवेश के दिशानिर्देश तय किए। इस अधिसूचना के मुताबिक 100 अंक निश्चित किए गए जिनके आधार पर नर्सरी में प्रवेश के लिए विचार होना था। इसमें 70 अंक पड़ोस में रहने वाले बच्चों के थे। 20 अंक उसी स्कूल में भाई-बहन के पढ़ने पर तय थे और पांच अंक उसी स्कूल के पूर्व छात्र होने के हैं। इसके अलावा पांच अंक अन्य राज्यों से स्थानांतरित होकर आए लोगों के लिए अतरराज्यीय श्रेणी के लिए तय थे।
27 फरवरी को दिल्ली सरकार ने नई अधिसूचना जारी की और अंतरराज्यीय श्रेणी समाप्त कर दी। लेकिन इस समय तक नर्सरी में प्रवेश के लिए आवेदन हो चुके थे और ड्रॉ भी निकल चुका था। अगले दिन यानी 28 फरवरी से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होनी थी। ड्रॉ में अंतरराज्यीय श्रेणी में प्रवेश में नाम आने वाले कुछ अभिभावकों ने यह श्रेणी समाप्त किए जाने को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। हाई कोर्ट ने गत तीन अप्रैल को इस श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों में प्रवेश शुरू करने का आदेश दिया।
इसके खिलाफ 22 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं और अंतरराज्यीय श्रेणी में ही प्रवेश देने की मांग की गई। शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए गत 11 अप्रैल को नर्सरी प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।