#शिक्षककठपुतली नचायेंगे : आओ पढेेे़ ताली बजा के :-
अब पांचवीं तक के सरकारी स्कूलों में कठपुतली का खेल होगा। शिक्षक कठपुतली नचाएंगे और बच्चे ताली बजाते हुए खेल-खेल में कहानी के जरिए पढ़ाई करेंगे। गणित की जोड़-बाकी हो या हिंदी की छोटी-छोटी कहानियां। जहां भी बच्चे अटके वहां कठपुतली के विभिन्न रूपों के जरिए शिक्षक बच्चों को पढ़ाते दिखेंगे। छोटे बच्चों को स्कूलों में रोकने व मनोरंजक तरीके से पढ़ाने की कड़ी में केंद्र सरकार एक और नई योजना लेकर आई है!
शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका बढ़ाने तथा विभिन्न पुतली शैलियों से बच्चों को अवगत कराना भी इस योजना का एक मकसद है। प्रशिक्षित शिक्षक राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को विभिन्न विषयों की पढ़ाई करवाते समय कठपुतली का उपयोग करेंगे, ताकि बच्चे पाठ को ज्यादा रूचि से पढ़ सके।
#येराज्य शामिल
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र उदयपुर के रिजनल कंसलटेंट व कोर्स डायरेक्टर ने बताया की , मध्यप्रदेश, तमिलनाडू,पंजाब, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखण्ड राज्य शामिल किए गए है।
इस योजना के तहत विभिन्न राज्यों के शिक्षकों को सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी) उदयपुर में प्रशिक्षण देकर तैयार किया जा रहा है आज ९ जुलाई २०१४ से उत्तराखंड से भी शिक्षक प्रशिक्षण के लिए पहुंच गए हैं। शिक्षकों को चार प्रकार की कठपुतलियां बनाने एवं उनके उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा! विशेषज्ञ शिक्षक यह प्रशिक्षण देंगे! इसके लिए सीसीआरटी ने 18 प्रकार की सामग्री का विशेष किट तैयार किया है।
ये किट उन विद्यालयों में दिया जाएगा, जहां कठपुतलियां बनाई जाएगी। ९ जुलाई शुरू यह प्रशिक्षण २४ जुलाई तक चलेगा। शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका बढ़ाने तथा विभिन्न पुतली शैलियों से बच्चों को अवगत कराना भी इस योजना का एक मकसद है। प्रशिक्षित शिक्षक राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को विभिन्न विषयों की पढ़ाई करवाते समय कठपुतली का उपयोग करेंगे, ताकि बच्चे पाठ को ज्यादा रूचि से पढ़ सके।
#येराज्य शामिल
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र उदयपुर के रिजनल कंसलटेंट व कोर्स डायरेक्टर ने बताया कि उत्तराखंड ,उडीसा,आन्ध्रप्रदेश,पंजाब, तमिलनाडू, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा ,आदि राज्य शामिल किए गए है।
(कर रहे हैं शुरूआत)
बच्चों के शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए कठपुतलियों के माध्यम से पढ़ाने की शुरूआत की जा रही है। उत्तराखंड के विभिन्न जिले से शिक्षक प्रशिक्षण में भेजे गए है। ये शिक्षक प्रशिक्षण लेकर अपने विद्यालय में इसकी शुरूआत करेंगे। धीरे-धीरे अन्य विद्यालय इस शिक्षण से जोड़े जाएंगे।
साभार : उदयपुर से-(केन्द्र मे डॉ सीबी जोशी,डॉ प्रकाश जोशी,डम्बर सिंह ,पिथौरागढ के साथ रूडकी से संजय वत्स)
अब पांचवीं तक के सरकारी स्कूलों में कठपुतली का खेल होगा। शिक्षक कठपुतली नचाएंगे और बच्चे ताली बजाते हुए खेल-खेल में कहानी के जरिए पढ़ाई करेंगे। गणित की जोड़-बाकी हो या हिंदी की छोटी-छोटी कहानियां। जहां भी बच्चे अटके वहां कठपुतली के विभिन्न रूपों के जरिए शिक्षक बच्चों को पढ़ाते दिखेंगे। छोटे बच्चों को स्कूलों में रोकने व मनोरंजक तरीके से पढ़ाने की कड़ी में केंद्र सरकार एक और नई योजना लेकर आई है!
शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका बढ़ाने तथा विभिन्न पुतली शैलियों से बच्चों को अवगत कराना भी इस योजना का एक मकसद है। प्रशिक्षित शिक्षक राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को विभिन्न विषयों की पढ़ाई करवाते समय कठपुतली का उपयोग करेंगे, ताकि बच्चे पाठ को ज्यादा रूचि से पढ़ सके।
#येराज्य शामिल
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र उदयपुर के रिजनल कंसलटेंट व कोर्स डायरेक्टर ने बताया की , मध्यप्रदेश, तमिलनाडू,पंजाब, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखण्ड राज्य शामिल किए गए है।
इस योजना के तहत विभिन्न राज्यों के शिक्षकों को सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी) उदयपुर में प्रशिक्षण देकर तैयार किया जा रहा है आज ९ जुलाई २०१४ से उत्तराखंड से भी शिक्षक प्रशिक्षण के लिए पहुंच गए हैं। शिक्षकों को चार प्रकार की कठपुतलियां बनाने एवं उनके उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा! विशेषज्ञ शिक्षक यह प्रशिक्षण देंगे! इसके लिए सीसीआरटी ने 18 प्रकार की सामग्री का विशेष किट तैयार किया है।
ये किट उन विद्यालयों में दिया जाएगा, जहां कठपुतलियां बनाई जाएगी। ९ जुलाई शुरू यह प्रशिक्षण २४ जुलाई तक चलेगा। शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका बढ़ाने तथा विभिन्न पुतली शैलियों से बच्चों को अवगत कराना भी इस योजना का एक मकसद है। प्रशिक्षित शिक्षक राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को विभिन्न विषयों की पढ़ाई करवाते समय कठपुतली का उपयोग करेंगे, ताकि बच्चे पाठ को ज्यादा रूचि से पढ़ सके।
#येराज्य शामिल
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र उदयपुर के रिजनल कंसलटेंट व कोर्स डायरेक्टर ने बताया कि उत्तराखंड ,उडीसा,आन्ध्रप्रदेश,पंजाब, तमिलनाडू, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा ,आदि राज्य शामिल किए गए है।
(कर रहे हैं शुरूआत)
बच्चों के शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए कठपुतलियों के माध्यम से पढ़ाने की शुरूआत की जा रही है। उत्तराखंड के विभिन्न जिले से शिक्षक प्रशिक्षण में भेजे गए है। ये शिक्षक प्रशिक्षण लेकर अपने विद्यालय में इसकी शुरूआत करेंगे। धीरे-धीरे अन्य विद्यालय इस शिक्षण से जोड़े जाएंगे।
साभार : उदयपुर से-(केन्द्र मे डॉ सीबी जोशी,डॉ प्रकाश जोशी,डम्बर सिंह ,पिथौरागढ के साथ रूडकी से संजय वत्स)