टीईटी परीक्षा 2011 में व्हाइटनर के इस्तेमाल की जांच का हाईकोर्ट ने दिया आदेश : छह माह के भीतर कापियों की जांच करें तथा जिन अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर का प्रयोग किया है उन पर कार्रवाई की जाए।
इलाहाबाद (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 में ओएमआर सीट पर व्हाइटनर के प्रयोग की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव को कहा है कि छह माह के भीतर कापियों की जांच करें तथा जिन अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर का प्रयोग किया है उन पर कार्रवाई की जाए। न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने संजीव कुमार मिश्र और 13 अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार, टीईटी 13 नवंबर 2011 को संपन्न हुई। ओएमआर सीट पर स्पष्ट निर्देश था कि व्हाइटनर या ब्लेड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद परीक्षा में हजारों अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर लगाए और अधिक अंकों से परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। 30 नवंबर 2011 को जारी सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के विज्ञापन में दी गई अर्हता के अनुसार चयन टीईटी प्राप्तांक के आधार पर होना है।
याचीगण का कहना था कि ऐसे अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया जाना चाहिए, जिन्होंने रोक के बावजूद ओएमआर सीट पर व्हाइटनर का प्रयोग किया है। याची के अधिवक्ता के अनुसार, कोर्ट ने छह माह का समय देते हुए ऐसी कापियों की जांच करने तथा उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।