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फतेहपुर : वायरल बुखार की दहशत से ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे : जिले में 2650 परिषदीय स्कूलों हैं, जिनमें 1903 प्राथमिक व 747 उच्च प्राथमिक स्कूल

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फतेहपुर : वायरल बुखार की दहशत से ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे : जिले में 2650 परिषदीय स्कूलों हैं, जिनमें 1903 प्राथमिक व 747 उच्च प्राथमिक स्कूल

फतेहपुर। वायरल बुखार की दहशत से ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। इससे परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति खासा प्रभावित हुई है। अगर बीमारी पर जल्द काबू नहीं पाया जाता, तो स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में और गिरावट आएगी।

जिले में 2650 परिषदीय स्कूलों हैं, जिनमें 1903 प्राथमिक व 747 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। इनमें ढ़ाई लाख बच्चे पंजीकृत हैं। ग्रामीण क्षेत्र के अधिकतर बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ते हैं। सफाई कर्मचारियों की लापरवाही से गंदगी के कारण गांवों की हालत बद से बदतर हो गई है। हैंडपंपों के आसपास गंदा पानी बजबजा रहा है और दरवाजे पर नालियां कीचड़ से लबालब हैं। यही कारण है गांवों में मच्छरों की भरमार हो गई है।

आबादी के बीच स्थित परिषदीय स्कूलों में भी गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। सफाई कर्मचारियों के अक्सर नदारद रहने से स्कूलों में दिन में मच्छरों का प्रकोप रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें, तो दिन में उमस भरी गर्मी और रात में हल्की ठंडक से मच्छरों का प्रकोप वायरल बुखार को बढ़ावा दे रहा है। वर्तमान में शायद ही कोई परिवार ऐसा हो, जिसमें कोई बुखार से पीड़ित न हो। बुखार से हो रहीं मौतों से दहशतजदा लोगों ने अपने बच्चों के घरों से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी है। ऐसी हालत में बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति प्रभावित हो रही है। शिक्षक बताते हैं कि पखवारे भर से बच्चों की उपस्थित प्रभावित हो रही है। शायद कोई स्कूल ऐसा हो, जिसमें बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से अधिक हो। अमर उजाला की टीम ने शहर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल तुराबअली का पुरवा, आदर्श प्राथमिक स्कूल खेलदार, उच्च प्राथमिक खेलदार, प्राथमिक स्कूल लाला बाजार, महात्मा गांधी पूर्व माध्यमिक स्कूल लाला बाजार, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल मुराइन टोला का जायजा लिया।

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