उरई। परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर सूबे में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती चल रही है। इसमें कई काउंसिलिंग के बाद सूबे में 44000 प्रशिक्षु शिक्षकों का चयन कर उन्हें 6 माह का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद परीक्षा में 43139 प्रशिक्षु शामिल हुए। इसमें 43077 ही प्रशिक्षु पास हुए। जब इनकी मौलिक नियुक्ति का समय आया तो पंचायत चुनाव के चक्कर में इनकी मौलिक नियुक्ति लटक गई है। इसके चलते जिले के 278 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति भी लटक गई है।
सूबे में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते चार वर्ष पूर्व तत्कालीन सरकार ने बीएड पास अभ्यार्थियों को प्राइमरी टीईटी पास करने का मौका दिया और इनकी विशेष कोटे से प्राइमरी विद्यालयों में 72825 पदों पर विज्ञापन जारी किया ग्रया। इसके बाद यह मामला कोर्ट में उलझ गया। इसके बाद लगभग 10 माह पूर्व कोर्ट के आदेश पर उक्त भर्ती प्रक्रिया की काउंसलिंग कराकर प्रशिक्षुु शिक्षकों का चयन कर उन्हें छह माह का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें सूबे के 44 हजार जिसमें जिले के 278 प्रशिक्षु भी शामिल हैं, को छह माह का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद प्रशिक्षु शिक्षकों की परीक्षा कराई गई। इसमें सूबे में कुल 43077 ने परीक्षा पास की। इसमें जिले के सभी 278 प्रशिक्षु इस परीक्षा में पास हो गए। इनका रिजल्ट परीक्षा नियामक प्राधिकरण ने 21 सितंबर को घोषित कर 5 अक्तूबर से सभी डायटों पर इनके अंक पत्र भेजने का भी सिलसिला शुरू कर दिया लेकिन पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते प्रशिक्षु की मौलिक नियुक्ति लटक गई है। प्रशिक्षु शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति के लिए शासन स्तर से चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है। इस बाबत बीएसए राजेश कुमार वर्मा का कहना है कि अभी प्रशिक्षु शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति के लिएशासन स्तर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। निर्देश आते ही शिक्षकों को मौलिक नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।