मथुरा : महिला शिक्षामित्र ने विषाक्त खाकर दी जान : "बेसिक शिक्षा न्यूज | आज का प्राइमरी का मास्टर की टीम की तरफ से धैर्य रखने का किया जाता है आह्वान
मथुरा : सहायक अध्यापक न बन पाने पर महिला शिक्षामित्र ने विषाक्त खाकर जान दे दी। समायोजन रद हो जाने से परेशान शिक्षामित्र की मौत के बाद तीन बच्चों के सिर से मां का भी हाथ उठ गया। छह साल पहले पति की भी मौत हो चुकी है। विकास खंड छाता के पैगांव निवासी गायत्री देवी (36) शिक्षामित्रों के दूसरे बैच में थी। उसका समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर हो गया था। उसकी नियुक्ति विकास खंड बलदेव के प्राथमिक विद्यालय अरतौनी में हुई थी।
इसलिए वह अपने तीनों बच्चों के साथ बलदेव में किराये का कमरा लेकर रहने लगी। सहायक अध्यापक बनने के बाद वह खुश थी कि तीनों बच्चों के साथ-साथ परिवार का पालन-पोषण कर पाएगी, लेकिन समायोजन रद हो जाने के बाद वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई। तब से ही वह गुमशुम-सी रहने लगी, लेकिन शनिवार को आत्मघाती कदम उठा लिया और सल्फास की गोलियां खाकर खुदकुशी ली।
महिला शिक्षामित्र के पति बनवारी लाल अग्रवाल की छह साल पूर्व ही मौत हो चुकी है। मृतका के पिता लोकमणि अग्रवाल ने बताया कि सहायक अध्यापक न बनने की खबर के बाद से ही वह परेशान रहने लगी थी। बच्चों के पालन-पोषण की चिंता सबसे अधिक थी। बताया कि उसने शनिवार की शाम को करीब सात बजे सल्फास की गोलियां खा ली। इसके बाद उल्टियां करने लगी। इसकी जानकारी बच्चों ने उन्हें दी। उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। डाक्टर ने कोशिश की, लेकिन रात करीब 12 बजे दम तोड़ दिया। शिक्षामित्र की मौत की सूचना पर तहसीलदार और पुलिस भी पहुंच गई। तहसीलदार ने शासन में जानकारी करने के बाद परिजनों को लोहिया आवास, पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद, कृषि योग्य भूमि देने की घोषणा की। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।
धैर्य रखने का आह्वान
महिला शिक्षामित्र गायत्री की मौत की खबर पर बड़ी संख्या में शिक्षामित्र घर और अस्पताल पहुंच गए। परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाया। शिक्षामित्र नेता संजय सिंह सिसोदिया, दुष्यंत सारस्वत, खेम सिंह चौधरी, शिवकुमार पचौरी आदि ने मुआवजे की मांग की और शिक्षामित्रों से धैर्य रखने का आह्वान किया।