संभल के सरायतरी स्थित जेड यू इण्टर कालेज के सहायक अध्यापक शारिक कमर के उत्पीड़न के मामले को राज्य सूचना आयोग ने गम्भीरता से लिया है। उन्हें अकारण कालेज प्रबंधक द्वारा बर्खास्त करने के आदेश को रद्द करते हुए आयोग ने जांच के आदेश भी दिए हैं।
शारिक कमर ने अगस्त 1997 में कालेज में मृतक आश्रित के तौर पर सहायक अध्यापक के पद पर स्थाई रूप से नौकरी शुरू की थी लेकिन दो साल बाद एक हादसे में उनका एक पैर कट जाने से वह विकलांग हो गए। दोबारा कालेज आने के बाद कालेज प्रबंधक और समिति के सदस्यों ने उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया। वर्ष 2007 में दस साल पूरे होने पर जब अध्यापक ने प्रबंध समिति से नियमानुसार चयन वेतनमान की मांग की तो उस आवेदन पर कोई तवज्जो नहीं दी गयी।
साल भर इंतजार करने के बाद वर्ष 2008 में जिलाधिकारी के आदेश पर अध्यापक को चयन वेतनमान मिला। प्रबंधक के उत्पीड़न से परेशान होकर अध्यापक ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2014 में कालेज से अपने अनुभव प्रमाण पत्र सहित कुछ सूचनाएं मांगी मगर उन्हें यह सूचनाएं नहीं मिली। मजबूरन उन्हें राज्य सूचना आयोग की शरण लेनी पड़ी। इस पर प्रबंधक ने उन्हें बिना कोई कारण बताए फरवरी 2015 में पहले निलम्बित किया और जुलाई 2015 में उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
सूचना आयोग की सुनवाई में यह मामला सामने आने पर राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने जिला विद्यालय निरीक्षक संभल को जांच के आदेश दिए। जांच अधिकारी ने अध्यापक के उत्पीड़न का मामला सही पाया। उन्होंने जांच रिपोर्ट संयुक्त शिक्षा निदेशक मुरादाबाद को सौंपी। जिला विद्यालय निरीक्षक संभल ने निशक्त अध्यापक का उत्पीड़न करने वाली जेड यू इण्टर कालेज की प्रबंध समिति को भंग कर वहां प्राधिकृत नियंत्रक नियुक्त करने की सिफारिश की है। यह सिफारिश आयोग के आदेश पर की गयी है। सूचना आयुक्त के आदेश पर कालेज प्रबंधक द्वारा जारी शिक्षक की बर्खास्तगी के आदेश को भी रद्द कर दिया गया है। साथ ही विस्तृत जांच के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वादश मण्डल मुरादाबाद को जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के आदेश दिये गए हैं।