लखनऊ (डीएनएन)। 30 जून को सेवानिवृत्त हुआ था। उसके बाद पेंशन पत्रावली भी समय से दस्तावेज पूरे कर विभाग को दे दिए। फिर भी अभी पेंशन की स्वीकृति नहीं मिली है।
बताइए...और कितना दौड़ना पड़ेगा। यह कहते हुए एक शिक्षक की आंखे भर आईं। यह स्थिति अकेले एक शिक्षक की नहीं, बल्कि 31 अन्य की भी है जिनके पेंशन प्रकरण को एडी पेंशन के यहां से अब तक हरी झंडी नहीं मिली है। अब सेवानिवृत्त शिक्षक अपनी पेंशन की आस लिए कभी लेखाधिकारी कार्यालय तो कभी बीएसए कार्यालय दौड़ रहे हैं। लेकिन यहां भी उन्हें एडी पेंशन कार्यालय भेज दिया जा रहा।
इस वर्ष 30 जून को बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय विद्यालयों से 140 शिक्षक व अनुसर सेवानिवृत्त हुए थे। एडी बेसिक ने उसी दिन राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में सेवानिवृत्त शिक्षक-कर्मचारियों को जीपीएफ के चेक का वितरण करवा दिया। उसके बाद 136 प्रकरण में से 134 की पत्रावली लेखा कार्यालय पहुंचीं। जिसे एडी पेंशन कार्यालय भेजा गया। इनमें से 102 को पीपीओ नंबर भी जारी कर दिए गए।
लेकिन 31 पेंशन प्रकरण अभी तक एडी पेंशन कार्यालय में लंबित पड़े हैं। इसके अलावा तीन पत्रावलियों पर आपत्ति लगी है। एडी पेंशन से पीपीओ निर्गत न होने की वजह से सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन स्वीकृत नहीं हो सकी है। जबकि नियमानुसार इन शिक्षकों को एक अगस्त को पेंशन मिल जानी चाहिए थी। पेंशन की आस में सेवानिवृत्त शिक्षक लेखाधिकारी कार्यालय में दौड़ लगा रहे हैं तो उन्हें एडी पेंशन कार्यालय जाने की सलाह देकर टरका दिया जा रहा।