इलाहाबाद(ब्यूरो)। जिला पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने केबाद चुनाव संबंधी मामलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका पोषणीय है अथवा नहीं इस प्रश्न पर अदालत के अधिकार को लेकर फुलबेंच में बुधवार को बहस पूरी हो गई। अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।
मामले पर न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सुनवाई की। न्यायमूर्ति अरुण टंडन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस प्रश्न को पूर्णपीठ में सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित किया था। याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनंदन ने तर्क रखा कि चुनाव कानूनों और नियमावली को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है|
मगर यदि चुनाव नियमों का उल्घंन करके मनमाने तरीके से कराए जा रहे हैं तो याचिका पोषणीय है और अदालत को इसमें हस्तक्षेप का अधिकार है। अदालत को प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा का भी अधिकार है। याचिका का विरोध कर रहे अपर महाधिवक्ता कमल सिंह यादव ने कहा कि अनुच्छेद 243 (ओ) के तहत चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ याचिका पोषणीय नहीं है।