गंगानगर (मेरठ) : हमारे देश में अधिकांश वाहन डीजल व पेट्रोल ईंधन से चलते हैं, लेकिन यदि डीजल की जगह ऐसा विकल्प आपको मिल जाए जो घर पर ही तैयार हो सकता है तो शायद आपकी खुशी का ठिकाना न रहे। इस ईंधन की खास बात यह भी है कि डीजल की अपेक्षा ज्यादा सक्षम होने के साथ-साथ कम प्रदूषण फैलाने वाला भी है।
ट्रांसलेम एकेडमी में पढने वाले कक्षा 11 के छात्र 15 वर्षीय हाíदक रस्तोगी ने डीजल का एक ऐसा होममेड विकल्प तैयार किया है जो घर की रसोई में खाना बनाने के बाद बचने वाले काले तेल से तैयार हो सकता है।
दो-तीन बार तलने के बाद बेकार हो जाता है वनस्पति तेल
दो से तीन बार खाद्य सामग्री तलने के बाद वेस्ट वेजीटेबल आयल यानि काला तेल फेंक दिया जाता है। इस काले तेल को फिल्टर करके डीजल के रूप में लाया जा सकता है। इस बचे हुए काले तेल को आम भाषा में ढंढेल भी कहते हैं।
वेस्ट वेजीटेबल आयल यानि ढंढेल के फायदे
हाíदक का कहना है कि उन्होंने इस काले तेल को कार में डीजल की जगह उपयोग में लाकर देखा तो परिणाम बेहतर निकले। डीजल की अपेक्षा निम्न ¨बदुओं फायदेमंद साबित हुआ -
1. बचे हुए काले तेल को फेंकने के बजाय उपयोग में लाना।
2. डीजल की अपेक्षा वायु प्रदूषण कम होना
3. डीजल की अपेक्षा बचे हुए पाíटकल्स कम बाहर आना
4. डीजल की अपेक्षा जहरीली गैस न निकलना
5. डीजल की अपेक्षा सस्ता पड़ना
स्लाइड पर कम मिले ब्लैक पाíटकल्स
हाíदक ने बताया कि उन्होंने वायु प्रदूषण को चेक करने के लिए डीजल व वेस्ट वेजीटेबल आयल का टेस्ट किया। एक साथ दो जनरेटर सेट में एक को डीजल से जबकि दूसरे को वेस्ट वेजीटेबल आयल से चलाया गया। दोनों के साइलेंसरों पर अलग-अलग सफेद कागज लगाए गए। वेस्ट आयल से चल रहे जनरेटर पर, डीजल से संचालित जनरेटर की अपेक्षा बेहद कम ब्लैक पाíटकल मिले। यानी वेस्ट आयल से प्रदूषण भी कम हुआ।
वेस्ट वेजीटेबल आयल से चलाई बाइक
हाíदक ने बाइक में वेस्ट वेजीटेबल आयल यानि ढंढेल को डीजल की जगह डालकर चलाया तो वह दौड़ने लगी। अपने इस प्रोजेक्ट को आगे बढाने के लिए हाíदक ने शहर के कई रेस्टोरेंटों से वेस्ट वेजीटेबल आयल एकत्र करना शुरू कर दिया है।
विज्ञान घर में तीसरा स्थान प्राप्त कर चुका है हाíदक
15 वर्षीय पीसीएम के छात्र हाíदक रस्तोगी अपने वैज्ञानिक दिमाग का लोहा विज्ञान घर में मनवा चुके हैं। ट्रांसलेम एकेडमी में आयोजित हुए वैज्ञानिक गतिविधियों पर आधारित देश के पहले शो विज्ञान घर में हाíदक ने तीसरा स्थान प्राप्त किया था। हाíदक अपने परिवार के साथ फूलबाग कालोनी में रहते हैं। उनके पिता श्याम नारायण रस्तोगी बि¨ल्डग मैटीरियल सप्लायर हैं।