इलाहाबाद : जिसने दर्द दिया, अब वही करेगा दवा : टीजीटी-पीजीटी 2013 के परीक्षा परिणाम को कोर्ट जाएंगे
इलाहाबाद : प्रतियोगी छात्रों के सब्र का पैमाना छलक उठा है। कोई स्पष्ट राह न मिलती देख प्रतियोगी अब न्यायालय की ही शरण लेने जा रहे हैं। उनका कहना है कि जिसने दर्द दिया है, अब वही दवा करेगा। टीजीटी-पीजीटी 2013 का परीक्षा परिणाम हर हाल में जारी होना ही चाहिए। यदि चयन बोर्ड का कोरम पूरा नहीं है तो इसमें प्रतियोगी छात्रों का क्या दोष है?
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा. सनिल कुमार की नियुक्ति हाईकोर्ट रद कर चुका है। यहां के तीन सदस्यों के कामकाज पर भी करीब चार माह से पाबंदी लगी है। आयोग में इस समय न तो अध्यक्ष है और न ही सदस्यों का ही कोरम पूरा है। ऐसे में टीजीटी (स्नातक शिक्षक) व पीजीटी (प्रवक्ता) 2013 की परीक्षा का परिणाम अधर में अटका है। कुछ विषयों का रिजल्ट जारी हुआ है जबकि कई विषयों का परिणाम कोरम के अभाव में रुक गया है। करीब एक माह से युवा इस मामले में कोई रास्ता निकलने की उम्मीद संजोए थे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।
ऐसे में टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा के रिंकू सिंह ने मंगलवार को बैठक करके यह निर्णय किया है कि लंबित परीक्षा का परिणाम जारी कराने एवं चयन बोर्ड का कोरम पूरा कराने को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार चयन बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति ही नहीं करेगी और युवाओं का भविष्य अंधकार में डूबा रहेगा। कहा कि कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि सरकार को निर्देश दे कि चयन बोर्ड आदि आयोगों का कम से कम कोरम तो पूरा रखा जाए।