रायबरेली : जनपद के 252 स्कूलों में करीब 12,600 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इन छात्रों को कन्वर्जन कास्ट न होने के कारण एमडीएम नसीब नहीं हो रहा है। ऐसे में छात्र आते है और खाली पेट घर को लौट जाते है। एमडीएम व्यवस्था बे-पटरी पर होने के कारण कई स्कूलों में छात्रों की उपस्थित कम होने लगी है। वहीं कुछ स्कूलों में ग्राम और प्रधानाध्यापक के बीच विवाद चलने के कारण एमडीएम ठप पड़ा है।
जिले में प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों की संख्या 27 सौ हैं। इनमें से 252 परिषदीय विद्यालयों में कन्वर्जन कास्ट न होने के कारण एमडीएम न बनने की बात कही जा रही है। इन 252 स्कूलों में विभागीय आंकड़ों के मुताबिक करीब 12,600 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। लेकिन एमडीएम बंद होने के कारण छात्र संख्या दिन-ब-दिन स्कूलों में घटती जा रही है। स्कूलों में एमडीएम न पकने के कारण छात्रों को खाली पेट वापस लौटना पड़ रहा है। वहीं प्रधानी के चुनाव होने के कारण ग्राम प्रधान भी अपनी-अपनी दावेदारी ठोकने में व्यस्त दिख रहे है। ऐसे में स्कूलों में एमडीएम और प्रभावित हो रहा है। क्योंकि कई ग्राम प्रधान ऐसे है जिनके पास भारी संख्या में खाद्यान्न स्टाक में है। जबिक ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्कूल ऐसे भी जहां ग्राम प्रधान और प्रधानाध्यापक के बीच विवाद होने के कारण एमडीएम बनता ही नहीं है। इन स्कूलों में बे-पटरी हो चुकी केंद्र और प्रदेश सरकारी की महत्वपूर्ण योजना एमडीएम को पटरी पर लाने के लिए प्रयास भी किए गए, लेकिन व्यवस्थाओं को दुरूस्त नहीं किया जा सका। प्रभारी डीसी एमडीएम आशीष ¨सह ने बताया कि कन्वर्जन कास्ट न होने के कारण स्कूलों में एमडीएम बनाने में दिक्कतें आ रही है। ऐसे में एमडीएम बनने के स्कूलों में रिमाइंडर भेज दिया गया है, ताकि छात्र केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं से वंचित न रह सके।
व्यवस्था को पटरी पर लाने के विभागीय प्रयास किए जा रहे है। वहीं शासन को कन्वर्जन कास्ट के लिए पत्र लिख दिया गया है।
रामसागर पति त्रिपाठी
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी