बलरामपुर : समाज को शिक्षित बनाने बच्चों को शिक्षा का महत्व बताने में तुलसीपुर क्षेत्र के अर्जुनपुर में रहने वाले 61 वर्षीय संजय सिंह की भूमिका सराहनीय है। साहित्य से प्रेम व बच्चों को पढ़ाने की उनकी ललक ने उन्हें आसपास के क्षेत्र में मास्टर साहब के नाम से मशहूर कर दिया है। पिछले 30 वर्षो से वह न सिर्फ बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने का कार्य करते हैं बल्कि कि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें अपनी ओर से कॉपी, किताब, पेन व पेंसिल आदि भी देते रहते हैं। उनके इसी शिक्षा के प्रति समर्पण का परिणाम है कि आज उनके द्वारा पढ़ाये गए कई बच्चे डॉक्टर, शिक्षक व सेना में बड़े पदों पर कार्यरत रह कर उनके द्वारा देखे गए सपनों को साकार कर रहे हैं।
संजय सिंह को शुरू से ही साहित्य व किताबों से विशेष प्रेम था। साकेत महाविद्यालय फैजाबाद से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद शिक्षक बनने की नीयत से उन्होंने एमएलके महाविद्यालय में बीएड करने के लिए प्रवेश लिया। महाविद्यालय की शिक्षण पद्धति रास न आने के चलते उन्होंने बीएड की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और अपने वरिष्ठ श्यामजी मिश्र के साथ लाल नगर में स्थानीय लोगों द्वारा संचालित किए जा रहे पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षण कार्य करने लगे। 1990 से 2000 तक इस विद्यालय में शिक्षण कार्य करने के बाद उन्होंने विद्यालय में पढ़ाना छोड़ दिया और गांव में घर पर बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने लगे। संजय में बच्चों को पढ़ाने की ऐसी ललक थी कि वह आसपास के कई गांवों में स्कूल न जाने वाले बच्चों को बुलाकर उन्हें नि:शुल्क पढ़ाते थे। साथ ही उन्हें पढ़ने के लिए अपनी ओर से किताबें, पेंसिल, कॉपी आदि भी देते थे। संजय बच्चों को न सिर्फ किताबी बल्कि उन्हें व्यवहारिक ज्ञान भी देते थे। शिक्षण कार्य के दौरान भी उनका बच्चों को पढ़ाने का दौर चलता रहा है। सन् 2012 तक लगभग 12 वर्ष तो वह पूरी तरह घर पर ही बच्चों को पढ़ाने का कार्य किए। इसके बाद स्वास्थ्य ठीक न रहने के चलते उन्होंने घर पर बच्चों को पढ़ाने का काम बंद कर दिया। हालांकि इस परेशानी के बाद भी यदि कोई बालक उनसे कुछ पूछने पहुंचता है तो वह उस बच्चे को बगैर पूरी जानकारी दिए वापस नहीं लौटने देते हैं।
-अलग-अलग क्षेत्र में रोशन कर रहे नाम
संजय मास्टर साहब द्वारा पढ़ाए बच्चों में से कई बच्चे आज उच्च पदों पर तैनात रहकर उनका नाम रोशन कर रहे हैं। जिनमें तुलसीपुर क्षेत्र के धर्मपुर गांव के राकेश भारती भी हैं जिन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर आज चिकित्सक के पद पर तैनात हैं। लालनगर में रहने वाले साजन मिश्र सेना में उच्च अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा संजय सिंह द्वारा पढ़ाई गई उनकी बिटिया ऋचा सिंह भी गांव के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत है। हालांकि ऋचा ने भी लोवर पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की है और अब वह उसके साक्षात्कार की तैयारी कर रही है।
- साहित्य में भी मिला है विशेष स्थान
संजय सिंह को बच्चों को पढ़ाने के साथ ही साहित्य से भी बड़ा प्रेम है वह अच्छे लेखक है। उनके द्वारा लिखी गई रचना कादंबनी पत्रिका में भी प्रकाशित हो चुकी है। इतना ही नहीं साहित्य रचना के लिए एमएलके महाविद्यालय द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया जा चुका है।