¨सगरौली : शासन द्वारा हर तबके के लोगों को शिक्षित कर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। शिक्षा विभाग को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए शासन द्वारा जहां गंभीर कवायद की जा रही है वहीं ग्राम चुरकी पंचायत के खनहना टोला स्थित शासकीय सेटेलाइट विद्यालय में अध्यापकों की कमी से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। मात्र प्रधानाध्यापक के ऊपर 88 बच्चों की जिम्मेदारी है।
लोगों का कहना है कि दुर्गम क्षेत्र में शासकीय सेटेलाइट विद्यालयों का संचालन कर शासन द्वारा गरीब बच्चों को शिक्षित करने का अभियान चलाया जा रहा है। जिले के कलेक्टर शिक्षा के मामले में अत्यंत संवेदनशील हैं। जिले में शिक्षा की बिगड़ी स्थिति को सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं, जिसका नतीजा भी सामने आने लगे है, लेकिन अभी भी कई दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में लापरवाही का मामला सामने आ रहा है।
आदिवासी व पिछड़ी जाति बाहुल्य खनहना टोला स्थित विद्यालय में 88 छात्र-छात्राएं हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक जीआर तितरमारे के कंधों पर इन बच्चों का भविष्य संवारने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, किन्तु अध्यापकों की कमी से विद्यालय में पठन-पाठन की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। पालक शिक्षण संघ के पूर्व अध्यक्ष विजयमल साहू ने बताया कि कहने को तो विद्यालय में एक शिक्षिका भी हैं, किन्तु वे आती कम हैं, छुट्टी पर ज्यादा रहती हैं।
कई बार संकुल प्राचार्य से शिकायत करने पर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। अकेले प्रभारी प्रधानाध्यापक के समक्ष कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने में भारी परेशानी उत्पन्न हो गई है। लोगों ने कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है।