महराजगंज : सुलभ राह पर विद्यालय नहीं मिलने से निराश हुईं प्रशिक्षु शिक्षिकाएं
महराजगंज: टीईटी में वरिष्ठता के क्रम में शामिल प्रशिक्षुओं को काउंसि¨लग के दौरान पहले दिन सड़क के किनारे विद्यालय तो मिल गए। लेकिन उन महिला प्रशिक्षुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिनकी काउंसि¨लग दूसरे दिन थी। विद्यालयों को लेकर प्रशिक्षुओं में उहापोह की स्थिति रही। क्योंकि दूसरे दिन सूची में ऐसे ही विद्यालय ही बचे थे, जों सड़क से पांच से सात किलोमीटर दूर हैं, या जंगल के किनारे रहे। साधन की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। अधिकांश प्रशिक्षु जनपद व ब्लाक की भौगोलिक स्थिति से वाकिफ नहीं है। ऐसे में काउंसि¨लग के दौरान जो विद्यालय उन्हें सूची में खाली नजर आए, उसे वह प्रथम वरियता के आधार विकल्प के रूप में हड़बड़ी में भर दिया। इसके आलावा दो अन्य विकल्प भी भरे गए। लेकिन जब इस बात की जानकारी प्रशिक्षुओं को हुई, कि अमुक विद्यालय जंगल के किनारे हैं, या उस विद्यालय तक जंगल से होकर गुजरना है, तो उनके पांव तले जमीन खिसक गई। इस व्यवस्था को लेकर प्रशिक्षु व परिजन दोनों ¨चतित है। प्रशिक्षु शिक्षिकाओं ने अपना दर्द बयां किया कि प्रशिक्षु शिक्षिकाओं को सुलभ राह पर विद्यालय देने के लिए विकल्प लिए जाते हैं। लेकिन यहां तो जंगल के किनारे का विद्यालय ही सूची में बचा था, ऐसे में मजबूर होकर भर दिया गया। लेकिन इस दुरुह राह पर जाना खतरे से खाली नहीं हैं।