सिद्धार्थनगर : परिषदीय विद्यालयों की शक्ल-सूरत बदलने व सदृढ़ व्यवस्था के लिए लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं परंतु नतीजा सिफर ही दिखाई पड़ रहा है। ताजा उदाहरण वर्तमान शिक्षा सत्र में देखा जा सकता है। जिसमें 16 लाख से अधिक रुपया स्कूल प्रबंधन समिति के खाते में भेजा गया, जिससे विद्यालयों की दशा सुधारी जाए, मगर डुमरियागंज ब्लाक में खोजने पर भी दो दर्जन भी ऐसे विद्यालय नहीं मिलेंगे जहां रंगाई-पुताई व साज-सज्जा का कार्य हुआ हो। धनराशि आए छह महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, परंतु अधिकांश स्कूलों की सूरत काली की काली है, उक्त योजना में आयी धनराशि का रुपया कहां गया, यह जांच का विषय है।
डुमरियागंज विकास खंड में 214 प्राथमिक व 84 पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। सरकार द्वारा प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में रंगाई-पुताई व मेंटीनेंस के लिए प्रति वर्ष 5 हजार व पूर्व माध्यमिक स्कूल के लिए 7 हजार रुपया अनुरक्षण अनुदान के मद में भेजा जा रहा है। यहीं नहीं जिन विद्यालयों में कमरा अधिक है, वहां यह धनराशि 9 हजार कर दी जाती है। शिक्षा सत्र 2015-16 के लिए भी शिक्षा विभाग द्वारा सभी विकास खंड में विद्यालयों के अनुसार धनराशि खाते में भेज दी गई है। सत्र का पांचवां महीना शुरू हो चुका है, लेकिन अभी अधिकतर स्कूलों में रंगाई-पुताई का कार्य नहीं कराया गया है। कुछ विद्यालय ऐसे भी मिलेंगे जिसको देख अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां वर्षो से रंगाई-पुताई व साफ-सफाई नहीं हो सकी है।
ब्लाक क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भालूकोनी, वीरपुर, प्राथमिक विद्यालय परसा जमाल, अहिराडीहा, केवटली नानकार, खखरगड्डी आदि विद्यालय चले जाएं तो यहां की व्यवस्था देखकर अंदाजा लग जाए सकता है, कि किस प्रकार यहां धनराशि का सद् उपयोग हो रहा है। यह स्कूल तो बानगी भर ऐसे विद्यालयों की संख्या अधिकतर है, जहां की सूरत धनराशि आने के बाद भी नहीं बदल सकी है।
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सभी विद्यालयों में अनुरक्षण अनुदान की धनराशि भेज जा चुकी है। स्कूल की तस्वीर संवारने में अगर पैसा नहीं खर्च किया गया है तो गलत हैं, तत्काल जांच कराते हैं, जहां-जहां धनराशि खर्च नहीं की गई है, वहां संबंधित जिम्मेदार के विरुद्ध निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।
अजय कुमार ¨सह,
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी