बदलाव की इबारत : ...और चमकने लगा वजीरगंज प्राइमरी स्कूल, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूल को गोद लिया, पढ़ाने आएंगे आईआईएम और कॉन्वेंट के स्टूडेंट
आयोग ने गुरुवार को मेडिकल कैंप लगाकर बच्चों का चेकअप भी करवाया। इस दौरान ज्यादातर बच्चे किसी न किसी बीमारी की चपेट में पाए गए। नाहिद लारी ने बताया कि 60 प्रतिशत बच्चों में आयरन और कैल्शियम की कमी पाई गई, जबकि करीब हर बच्चे को पेट दर्द की शिकायत है। डॉक्टरों के अनुसार पेट में कीड़ों के चलते ऐसा है। इस मौके पर बच्चों को दवाएं भी दी गईं।
मेडिकल चेकअप भी : वजीरगंज के प्राइमरी स्कूल की व्यवस्था सुधारने के साथ यहां बच्चों की सेहत की जांच भी करवाई गई।
लखनऊ
कभी जमीन पर बिछी गंदी और फटी चटाइयों पर महज नाम के ब्लैक बोर्ड पर पढ़ने की रस्म अदायगी करने वाले वजीरगंज प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए गुरुवार का दिन नया सवेरा लेकर आया। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अडॉप्ट करने के साथ ही पूरे स्कूल की तस्वीर बदल गई। साफ सुधरे टॉयलेट, वाटर प्यूरीफायर का पानी, बैठने के लिए नईं सीटें और तमाम सुविधाएं। इसके साथ ही सबसे खास बात यह कि वजीरगंज प्राथमिक विद्यालय एक और दो के करीब 130 बच्चों को नामचीन स्कूल-कॉलेजों के साथ ही आईआईएम जैसी संस्था के स्टूडेंट्स भी पढ़ाएंगे।
कुछ दिन पहले तक खंडहरनुमा इमारत में जमीन पर बैठकर पढ़ने वाले बच्चों के चेहरे का उत्साह देखते ही बना। बैठने के लिए सीट्स के साथ ही नई कॉपी-किताबों उनके चेहरों की चमक बढ़ा रहे थे। आयोग की सदस्य नाहिद लारी खां ने बताया कि कुछ समय पहले तक स्कूल आने-जाने वाला रास्ते पर गंदगी का अंबार लगा रहता था। दुर्गंध के चलते बच्चों का बैठना तक मुश्किल था। इतना ही नहीं खंडहर हो चुकी बिल्डिंग के आगे लोगों ने अवैध कब्जे भी कर रखे थे। ऐसे में आयोग ने स्कूल को सुधारने का जिम्मा उठाया। एडॉप्ट करने के साथ ही सिरे से सारी व्यवस्थाएं कराईं गईं। नाहिद ने बताया कि प्रॉजेक्ट को लेकर अब आयोग मुहिम चलाएगा, ताकि बदहाल हो चुके सरकारी स्कूलों को अडॉप्ट करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आएं। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी अच्छा माहौल और शिक्षा उपलब्ध कराई जा सकेगी। इस मौके पर आईआईएम, एनएसएस और लॉरेटो कॉन्वेंट के स्टूडेंट्स भी मौजूद रहे।