मीरजापुर: जिला बेसिक शिक्षा परिषद के तहत नगरपालिका क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में व्यापक पैमाने पर अनियमितता हो रही है। इस संबंध में कार्रवाई की मांग की गई है। ताजा मामला प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति एवं तैनाती का है। मानक के विपरीत अध्यापक अथवा प्रधानाध्यापक की तैनाती कर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया है। इससे अध्यापकों में रोष है।
अध्यापकों का आरोप है कि नगर पालिका क्षेत्र में लगभग आठ विद्यालय ऐसे हैं जो अपने भवन में न चलकर दूसरे विद्यालयों में कई वर्षों से संबंद्ध हैं और वहां की छात्र संख्या भी दस से लेकर पचीस से तीस के बीच में ही है। ऐसी जगहों पर प्रधानाध्यापक की तैनाती कर दी गई है। इनमें गीता स्वामी प्राथमिक पाठशाला ( संबद्ध स्वामी विवेकानंद प्राथमिक विद्यालय), सरदार पटेल प्राथमिक विद्यालय ( संबद्ध तिलक विद्यालय प्राथमिक पाठशाला), बहादुर शाह जफर प्राथमिक पाठशाला तथा टाउनहाल जूनियर हाईस्कूल ( संबद्ध गार्गी प्राथमिक पाठशाला), मां ¨वध्यवासिनी क्रमोत्तर प्राथमिक पाठशाला आदि आदि शामिल हैं। इसमें केवल महावीर प्राथमिक विद्यालय व मां ¨वध्यवासिनी क्रमोत्तर प्राथमिक विद्यालय में ही छात्र संख्या सौ के ऊपर है। इसके बाद भी इन विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति देकर अध्यापकों को पदस्थापित किया गया है। यह विद्यालय किसी भी स्तर पर प्रधानाध्यापक के पद के मानक को पूरा नहीं करते हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में स्पष्ट किया गया है कि सौ अथवा सौ के ऊपर की छात्रसंख्या वाले विद्यालयों में ही प्रधानाध्यापक का पद सृजित है। अध्यापकों का कहना है कि किन परिस्थितियों में यह अनियमितता की गई, इसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। संबंधित खंड शिक्षाधिकारी के खिलाफ भी आरोप लगाया गया है।
शिक्षकों की न लगाई जाए निर्वाचन ड्यूटी
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को जिलाधिकारी से मिलकर निर्वाचन कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी न लगाए जाने की मांग की। इस संबंध में उनको ज्ञापन भी सौंपा गया। कहा गया कि सालों साल चलने वाली विधानसभा निर्वाचन मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को मुक्त किया जाए। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व संघ के अध्यक्ष राजाराम ¨सह व सचिव दिनेश कुमार शुक्ल ने किया