सिद्धार्थनगर : प्राथमिक शिक्षा को गतिमान बनाने वाले शिक्षा मित्रों व समायोजित शिक्षकों के लिए दीपावली फीकी रह गयी
प्राथमिक शिक्षा को गतिमान बनाने वाले शिक्षा मित्रों व समायोजित शिक्षकों के लिए दीपावली फीकी रहेगी। किसी के घर दिए जलेंगे तो कईयों के दिल जलेंगे। जिले में लगभग ढाई हजार शिक्षा मित्रों के घर प्रकाशोत्सव न के बराबर रहेगा। इसकी परवाह केंद्र व प्रदेश सरकार को और न ही अगुवाई कर हितैषी का दंभ भरने वाले संगठनों के जिम्मेदारों को है।
हर बार की तरह दीपावली पर्व शिक्षा मित्रों व समायोजित शिक्षकों के लिए अंधेरा साबित होगा। हाईकोर्ट इलाहाबाद के निर्णयानुसार प्रथम चरण में समायोजित 930 शिक्षा मित्रों को वेतन का भुगतान सितंबर माह से ही रोक दिया गया है। द्धितीय चरण के 1412 समायोजित शिक्षकों का वेतन मई माह से ही भुगतान नहीं हो सका है। इनमें पांच शिक्षा मित्रों को एक माह का वेतन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जरिए चेक ही मिल पाया था। शेष लगभग पांच सौ शिक्षा मित्रों का मानदेय भी विभागीय लापरवाही के कारण मार्च व जुलाई माह के बाद से अब तक नहीं हो पाया है। तमाम शिक्षा मित्र व समायोजित शिक्षकों की दीपावली वेतन व मानदेय भुगतान पर ही निर्भर था, इसके बावजूद सरकारों के ठोस पहल न होने के साथ ही शिक्षा मित्रों के हितों को लेकर हुंकार भरने वाले सभी संगठनों के पदाधिकारियों की चुप्पी भारी पड़ रही है। आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हेमंत कुमार शुक्ला ने कहा कि धैर्य व साहस रखते हुए यथा संभव दीपावली पर्व मनाएं। हाईकोर्ट के निर्णय आने के बाद मौत के शिकार साथियों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए दिए जरूर जलाएं। जहां तक संगठन के पहल की है तो आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी हवा-हवाई बातों में विश्वास नहीं रखते हैं। संगठन की ओर से कानूनी राय लेकर भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी न होने पाए, इसको ध्यान में रखकर कदम उठाया और आगे भी उठाता रहेगा। आरोप के मुताबिक यदि संगठन खामोशी है तो सफलता का राज भी छिपा है, इसका एहसास आने वाले दिनों में हो जाएगा।
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श्रीमान जी सिद्धार्थनगर बहुत ही दुर्भाग्यशाली जिला है यहाँ की व्यवस्था लोगो की लाचारी का कारण है।
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी सिद्धार्थनगर बहुत ही दुर्भाग्यशाली जिला है यहाँ की व्यवस्था लोगो की लाचारी का कारण है।
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