प्रतापगढ़ : शहर के शंकर दयाल रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार को सुबह बच्चों से बालू, गिट्टी की ढुलाई कराई गई। मासूम करते भी न तो क्या करते, शिक्षकों के डर के आगे चुप चाप जुल्म सहते रहे। यह मामला बीएसए के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने नगर शिक्षाधिकारी को जांच सौंप दिया।
प्राथमिक विद्यालयों को खुलने का समय सुबह 9 से अपरान्ह 3 बजे तक है। गुरुवार को सुबह प्राथमिक विवद्यालय शंकर दयाल रोड के बच्चे स्कूल पहुंचे तो उन्हें पढ़ाने के बजाय शिक्षकों ने बाल्टी, तसला, फावड़ा दिया। बच्चों से कहा गया कि स्कूल परिसर में जो बालू, गिट्टी का ढेर है, उसे उठा कर एक किनारे कर दिया जाए। यह फरमान सुनते ही बच्चे सन्न रह गए। डर के कारण बच्चों ने बालू, गिट्टी की ढुलाई करना ही मुनासिब समझा। सिर पर तसला रखे बच्चों के बा्लू, गिट्ठी ढुलाई करते देख राहगीर ठिठक गए। कोई यह समझ ही नहीं पा रहा था कि आखिर स्कूल में यह कैसी पढ़ाई चल रही है।
यहां गौरतलब है कि शासन बच्चों की सेहत और पढ़ाई पर पानी की तरह पैसे बहा रहे है। उन्हें ड्रेस, निश्शुल्क पुस्तकों के साथ दोपहर का भोजन, हफ्ते में एक दिन दूध मुहैया कराया जा रहा है। जब स्कूल में निर्माण कार्य आदि पर शासन अलग से बजट आवंटित करता है तो इन बच्चों से मजदूरी क्यों कराई जा रही है। जिन मासूमों के हाथ में कलम, कापी किताब होनी चाहिए, उनके हाथ में फावड़ा, तसला, बाल्टी दिख रही थी। फिलहाल मामला बेहद गंभीर है।
इस बाबत बीएसए माधवजी तिवारी का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय शंकरदयाल रोड के बच्चों से बालू, गिट्टी ढुलाई कराने का मामला संज्ञान में लाया गया है। इस मामले की जांच नगर शिक्षाधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव को सौंपी गई है।