इटावा: आवासीय विद्यालयों में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को विद्यालय प्रबंधन द्वारा किसी न किसी एजेंसी के माध्यम से खाना पका कर छात्रों को खिलाया जाता है। खाने की गुणवत्ता जांचने का अधिकार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को दिया गया है। इसके तहत जिलाधिकारी ने जांच करने के निर्देश जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने जारी कर दिये है। इसके साथ ही मिड-डे मील के भोजन की जांच का अधिकार विभाग को दिया गया है।
मुख्य खाद्य अधिकारी नादिर अली ने बताया कि जिले में ऐसे कई विद्यालय संचालित हैं जो आवासीय है और छात्रों को रुकने के साथ भोजन, नाश्ता दिया जाता है। इस कार्य के लिए विद्यालय प्रबंधन खाना पकाने व नाश्ता आदि तैयार करने की जिम्मेदारी किसी न किसी ठेकेदार को देते हैं। खाने की गुणवत्ता जांचने के लिए अब खाद्य पदार्थों का नमूना लेने की जिम्मेदारी डीएम ने दी है।
उन्होंने समस्त खाद्य पदार्थ की एजेंसी संचालकों को सलाह दी कि वह खाद्य सामग्री पंजीकृत दुकानदारों से ही खरीदें तथा क्रय किये गये सामान का बिल लेना न भूलें। जांच में खामी पायी जाने पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित है। इसी प्रकार मिड-डे मील के तहत बनने वाले खाने की जांच की जिम्मेदार भी सौंप दी गयी है।