फैजाबाद: परिषदीय स्कूलों की तस्वीर चमकाने की कोशिश के अंतर्गत बच्चों की स्कूल में हाजिरी बढ़ाने के अनूठे प्रयास किए जा रहे हैं। बच्चों को मनाने के लिए शिक्षक समेत आलाधिकारियों की फौज उतारने का निर्णय नए प्रारूप के तहत लिया गया है। इतना ही नहीं बच्चों के दो स्कूलों में पंजीकरण वाले फार्मूले से सख्ती से निपटने का रास्ता भी दिखाया गया है। पंजीकरण तक समाप्त किए जाने का प्रावधान इसमें किया गया है।
मोबाइल से मैसेज के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने की विधा से स्कूल की सूरत बदलने के इंतजाम है। जहां एक ओर अनुपस्थिति छात्रों के रोलनंबर भेजने मात्र से आनलाइन स्कूल का रजिस्टर अपडेट होता है वहीं शिक्षकों की हाजिरी भी आप ही आप लग जाएगी। दूसरी ओर शिक्षक की ओर से भेजे गए आंकड़े के पड़ताल का भी मसौदा बनाया है। इस प्रणाली के लागू होने से छोटे से लेकर बड़ों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। स्कूल में बच्चों की उपस्थित व पंजीकरण पर लगाम लगाने की तैयारी भी इसमें मुकम्मल है। बच्चों के तीन दिन लगातार स्कूल न आने पर उन्हें शिक्षकों को स्कूल लाने का जिम्मा दिया गया है। बच्चों की गैरहाजिरी की वजह को बाकायदा रजिस्टर पर अंकित करने का निर्देश है। इस दौरान अभिभावकों से संपर्क करने का आदेश है। यदि सात दिन लगातार बच्चा गैरहाजिर रहता है तो वजह जानने के लिए जिम्मेदारी शिक्षक के अतिरिक्त खंड शिक्षक अधिकारी को सौंपी गई है। ये टीम सिर्फ स्कूल न आने का कारण जानेंगी बल्कि उन्हें स्कूल आने के लिए प्रेरित भी करेंगे। जरूरत पड़ी तो जिला बेसिक अधिकारी को भी बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करने होंगे। साथ विद्यालय में नामांकित बच्चों की उपस्थिति 75 फीसद करने का अहम प्रयास करने होंगे। निर्देश के अनुसार अगर अन्य विद्यालय में छात्र का नामांकन पाया जाएगा तो उसका नामांकन परिषदीय स्कूल से समाप्त कर दिया जाएगा लेकिन छात्रों के क्रमांक में फेरबदल नहीं किया जाएगा। बीएसए प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि नई प्रणली के लागू होने के बाद न सिर्फ नामांकन के फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगा बल्कि छात्रों की उपस्थिति भी स्कूल में बढ़ेगी। जिलाधिकारी व सीडीओ भी इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे तथा समय-समय पर बीएसए को प्रभावी कार्रवाई का निर्देश देंगे।