बलरामपुर : प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों भर्ती के लिए चल रही बीटीसी अभ्यर्थियों भर्ती प्रक्रिया में विभाग द्वारा अन्य जिले के अभ्यर्थियों के लिए जारी की जाने वाली कट-ऑफ मेरिट में शिक्षामित्रों का प्रकरण नया पेंच बन गया है। कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों को भर्ती की काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल किए जाने का निर्देश दिए जाने के बाद विभागीय अधिकारियों के सामने एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। संबंधित प्रकरण में जिला बेसिक शिक्ष अधिकारी जय सिंह ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा है। पत्र का जवाब मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया संचालित की जाएगी। ऐसे में भर्ती के लिए कट-ऑफ मेरिट का इंतजार कर रहे अन्य जिले के बीटीसी अभ्यर्थियों का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। अभ्यर्थी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
जनवरी 2015 में शुरू हुई बीटीसी 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त कर टीईटी की परीक्षा पास कर चुके जिले के 21 शिक्षामित्र अभ्यर्थियों ने बीटीसी शिक्षकों की भर्ती के लिए जिले में आवेदन किया था, लेकिन 26 अक्टूबर को जिले के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग के दिन विभाग द्वारा शिक्षामित्र अभ्यर्थियों को उसमें शामिल नहीं किया गया। काउंसिलिंग में शामिल न हो पाने पर 16 अभ्यर्थियों ने दो समूहों में (पांच व 11 की संख्या में) न्यायालय की शरण ली और वहां से इन अभ्यर्थियों को भी काउंसिलिंग में शामिल किए जाने का निर्देश प्राप्त कर लिया। इसके बाद सभी 11 शिक्षामित्र अभ्यर्थियों ने न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए छह नवंबर को बीएसए कार्यालय पहुंचकर काउंसिलिंग कराई और अपने अभिलेख जमा किए। इन अभ्यर्थियों के काउंसिलिंग कराने के बाद बीएसए ने संबंधित प्रकरण में उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा। अब विभागीय अधिकारियों को शासन द्वारा दिए जाने वाले जवाब का इंतजार है। बीएसए जय सिंह ने बताया कि संबंधित प्रकरण में शासन से दिशा निर्देश मांगा गया है। शासन द्वारा दिए जाने वाले निर्देश के आधार पर ही आगे की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
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-तैयार करनी पड़ेगी नए सिरे से मेरिट सूची
बीटीसी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में शासन द्वारा अपने जिले के अभ्यर्थियों को वरीयता दिए जाने का निर्देश दिया गया था। ऐसे में यदि शासन द्वारा शिक्षामित्र अभ्यर्थियों को इस भर्ती प्रकिया में शामिल किए जाने की अनुमति दे दी जाती है तो इस भर्ती प्रक्रिया में जिले के अभ्यर्थियों की संख्या 256 से (काउंसिलिंग करने वाले शिक्षामित्रों की संख्या के आधार पर) बढ़ जाएगी। साथ ही अन्य जिले अभ्यर्थियों की लिए रिक्त बची 244 सीटों की संख्या भी कम हो जाएगी। दो ही दशा में विभाग द्वारा अन्य जिले के अभ्यर्थियों के लिए रिक्त सीटों के आधार पर नई कट-ऑफ मेरिट तैयार करनी पड़ेगी।
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-विभाग की मांग स्वीकार हुई तो फिर होगा उलटफेर
बीटीसी की इस भर्ती प्रक्रिया में विभाग द्वारा वर्ष 2012 में बीटीसी का प्रशिक्षण पूरा करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती प्रकिया में शामिल न करने के लिए न्यायालय में दायर की गई याचिका एक और पेंच है। यदि न्यायालय द्वारा विभाग की मांग स्वीकृत कर ली जाती है तो इस भर्ती प्रक्रिया से काउंसिलिंग कराने वाले 2012 के बीटीसी अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया जाएगा। ऐसी दशा में एक बार फिर सीटें व अभ्यर्थियों की कट-ऑफ मेरिट में बड़ा उलट फेर देखने को मिलेगा।