यूपी बोर्ड का शैक्षिक सत्र अब बदला ना जाएगा। प्रदेश सरकार व माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जुलाई से शिक्षा सत्र शुरू करने की बात को सिरे से नकार दिया है। अब निर्धारित सत्र में पूरे पाठ्यक्रम को खत्म करने के लिए रोडमैप बनेगा। साथ ही सत्र परिवर्तन से पैदा हुईं विसंगतियों को नया सत्र शुरू होने से पहले दूर किया जाएगा।
सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड व बेसिक शिक्षा परिषद का नया शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू हुआ था। इसके चलते कालेजों में न तो समय से पढ़ाई हो सकी और न प्रवेश प्रक्रिया। इसकी वजह से हुईं विसंगतियों को देखते हुए शासन को 31 अगस्त तक प्रवेश की छूट देनी पड़ी। विसंगतियों को देखते हुए शैक्षिक सत्र को फिर से पुरानी तर्ज पर चलाने की मांग उठी। कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के पहले इस पर विचार भी हुआ। कुछ लोगों ने यह उड़ा भी दिया कि नया सत्र फिर जुलाई से शुरू हो सकता है। अब माध्यमिक शिक्षा मंत्री व शिक्षा निदेशक ने शिक्षा सत्र में फिर से बदलाव को नकार दिया है। शिक्षा मंत्री ने पढ़ाई के नुकसान को स्वीकारते हुए संकेत दिए कि चालू सत्र में पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। अगले सत्र में व्यवस्था ठीक रहे, समय से पढ़ाई पूरी हो। दो-दो बार शुल्क वसूलने जैसी विसंगतियों का समाधान हो। विसंगतियों पर विचार कर व्यवहारिक रोडमैप तैयार किया जाए और उस पर सख्ती से अमल किया जाए।
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पढ़ाई पूरी न होने के कारण
- 31 अगस्त तक चलते रहे प्रवेश।
- पंचायत चुनाव में लगाए गए शिक्षक।
- पोलिंग के लिए स्कूलों का अधिग्रहण।
- बाजार में समय से नहीं आयीं किताबें।
- अक्टूबर-नवंबर में खूब हुईं छुंिट्टयां।
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ंइन बिंदुओं पर खास मंथन
- शैक्षिक पंचांग को व्यवहारिक बनाना।
- निर्धारित समय में प्रवेश पूरे करना।
- पढ़ाई के दिन तय कर अमल कराना।
- छात्रों-अभिभावकों को जागरूक करना।
- सत्र के आरंभ से ही किताबें दिलाना।
- कालेज निरीक्षण की व्यापकता बढ़ाना।
- सर्वसम्मति से छुंट्टी की सूची बनाना।
- शुल्क वसूली के नियमों पर अमल।
- शिक्षकों के सेवानिवृत्ति भ्रम दूर करना।
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'शैक्षिक सत्र में अब कोई परिवर्तन नहीं होगा। चालू सत्र 31 मार्च को खत्म होगा और नया सत्र पहली अप्रैल से शुरू होगा। अधिकारियों को कोर्स पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं।'
- अमरनाथ वर्मा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा।
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'यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को स्पद्र्धा में सीबीएसई से आगे लाने को शैक्षिक सत्र में परिवर्तन किया गया था। अब यही व्यवस्था रहेगी। सही है कि नयी व्यवस्था में प्रवेश, परीक्षा, पढ़ाई, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति व छुंिट्टयों से जुड़ी कुछ विसंगतियां सामने आई हैं। अगला सत्र शुरू होने से पहले विचार कर विसंगति दूर कर ली जाएंगी। जरूरी हुआ तो इसके लिए स्पष्ट नीति व नियम तय किए जाएंगे ताकि प्रवेश समय से हों। पूरी पढ़ाई हो सके। जवाबदेही भी तय होगी।'
- बलराम यादव, माध्यमिक शिक्षा मंत्री।