जागरण संवाददाता, एटा: एक बार फिर से स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था डगमगाएगी। प्रधानी चुनाव के चलते जहां स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप रहेगा। वहीं शिक्षामित्रों का आंदोलन भी शिक्षण व्यवस्था में बाधक बनेगा। पूरा दिसंबर माह स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो सकेगी। माध्यमिक स्कूलों में भी शिक्षण व्यवस्था कुछ ऐसी ही रहेगी। वहीं दिसंबर माह में यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पहले जिला पंचायत चुनाव के चलते शिक्षण व्यवस्था बाधित रही। अब प्रधान चुनाव के चलते स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो सकेगी। शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगने से भी शिक्षा व्यवस्था पर खासा असर पड़ेगा। हालांकि माध्यमिक स्कूलों में तैनात शिक्षक बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाओं का हवाला देकर खुद को ड्यूटी से दूर रखने की मांग कर रहे हैं। अगर ऐसा न हुआ तो प्रयोगात्मक परीक्षाओं के दौरान स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था डगमगाएगी।
उधर, प्राथमिक विद्यालयों में भी शिक्षण व्यवस्था इन दिनों बाधित चल रही है। शिक्षामित्रों के आंदोलन के चलते कई स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप पड़ा है। वहीं बहुत से स्कूल ऐसे हैं, जहां प्रधानाध्यापक और एक शिक्षामित्र तैनात हैं। उन स्कूलों में भी अब पूरे स्कूल का भार प्रधानाध्यापक पर आ गया है। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल होने के चलते शिक्षामित्रों के जल्द काम पर लौटने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है।
ऐसे में एक बार फिर शिक्षण व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है।
अगले सप्ताह से फिर छुट्टियां
दीपोत्सव के बाद बुधवार से स्कूलों में रौनक नजर आई। लेकिन अगले सप्ताह फिर छुट्टियां पड़ने से शिक्षण कार्य बाधित होगा। रविवार के अवकाश के बाद मंगलवार को गुरु तेगबहादुर शहीद दिवस और बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा का अवकाश रहेगा। इसके बाद प्रधान चुनाव के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण और प्रथम चरण का मतदान होने के चलते स्कूल बंद रहेंगे।