मैनपुरी : शासन ने मिड-डे मील की कनवर्जन कॉस्ट 16 दिन पहले बेसिक शिक्षा विभाग को भेज दी है। लेकिन अभी तक यह धनराशि गुरुजी के खाते में नहीं पहुंची है। एक साल से कनवर्जन कॉस्ट की आस में अपनी जेब से नौनिहालों को दोपहर का भोजन खिलाने वाले गुरुजी के लिए जब धन आया तो अब अधिकारी दे नहीं रहे हैं।
जिले के 2160 विद्यालयों में अध्ययनरत 1.85 लाख छात्र-छात्राओं को मिलने वाला दोपहर का भोजन बनाने के लिए शासन ने एक साल बाद 3.94 करोड़ रुपये तीन महीने की कनवर्जन कॉस्ट 16 दिन पहले उपलब्ध करा दी थी। लेकिन विभाग अभी तक इस धनराशि को शिक्षकों के खाते में नहीं भेज पाया है।
एक सप्ताह पहले बीएसए ने जिला समन्वयक मिड-डे मील को नोटिस जारी किया था कि अभी तक धनराशि खातों में क्यों नहीं भेजी गई। जिला समन्वयक ने भी खंड शिक्षाधिकारियों द्वारा सूची नहीं भेजने का जवाब दिया। मार्च 2015 में भी 10 करोड़ रुपये की कनवर्जन कॉस्ट 31 मार्च तक खातों में नहीं पहुंचने के कारण लैप्स हो गई थी।
अधिकारी कहिन
"मिड-डे मील की कन्वर्जन कॉस्ट शिक्षकों के खातों में भेजने की तैयारी कर ली गई है। दो दिन के अंदर सभी के खातों में ये धनराशि भेज दी जाएगी।
हरकेश यादव, बीएसए, मैनपुरी।