जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: छात्रवृत्ति की उम्मीद पाले डिग्री कॉलेजों के हजारों छात्र छात्राओं के लिए उनके कॉलेजों की लापरवाही और मनमानी ही मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। 35 हजार से अधिक विद्यार्थियों को इस साल छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित रहने की आशंका है।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में हजारों छात्र छात्राओं ने ऑन लाइन आवेदन किए हैं। शासन ने जिले के करीब 37 हजार फार्म सस्पेक्ट (संदिग्ध) स्थिति में पकड़े हैं। इनकी सूची तैयार कर कॉलेजों को पुन: जांच के आदेश दिए हैं। कॉलेज संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग विभाग से सस्पेक्ट डाटा प्राप्त कर उसे जांचने के बाद स्थिति स्पष्ट करें कि आवेदन सही हैं या नहीं।
कॉलेजों को 15 दिसंबर तक का समय दिया गया था। इसके बाद भी समाज कल्याण विभाग से जिले के कुल 143 डिग्री एवं टैक्नीकल कॉलेजों में से अभी तक मात्र सौ ने ही सस्पेक्ट डाटा लिया, लेकिन जांच के बाद जमा किसी ने भी नहीं कराया। जबकि 43 कॉलेज तो डाटा लेने ही नहीं आए हैं। कॉलेज संचालकों की इस लापरवाही से सस्पेक्ट डाटा रिजेक्ट आवेदन में बदल सकता है। यदि ऐसा हुआ तो आवेदक छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति भी नहीं मिलेगी। शासन से समाज कल्याण विभाग के पास ऐसे 14 हजार, पिछड़ा वर्ग को 20 हजार 919 और अल्प संख्यक विभाग को दो हजार 146 विद्यार्थियों का सस्पेक्ट डाटा मिला है।
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कॉलेज संचालकों को चेतावनी दी है कि यदि वे 18 दिसंबर तक शासन स्तर पर लगाई गई आपत्तियां का निस्तारण करके आख्या समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग विभाग को नहीं भेजेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यदि कॉलेज संचालकों की गलती से छात्रवृत्ति रुकी तो संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। वहीं कॉलेजों को काली सूची में डाला जाएगा।
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