बस्ती: भारत सरकार जिस विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी के बल पर विश्व में छा जाने का सपना संजो रही है, उसी के विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी मंत्रालय की वेबसाइट की दुर्दशा के चलते जनपद के सैकड़ों तथा प्रदेश के हजारों होनहार इंस्पायर अवार्ड से वंचित हो गए। आनलाइन फार्म भरने की तिथि मंगलवार की मध्य रात्रि समाप्त हो गई। मंगलवार देर शाम तक वेबसाइट न खुलने से अभ्यर्थी परेशान रहे।
बता दें कि भारत सरकार द्वारा प्रति वर्ष इंटरमीडिएट में विज्ञान वर्ग के उन एक प्रतिशत विद्यार्थियों को इंस्पायर अवार्ड के लिए चयनित किया जाता है, जिनका अंक विज्ञान वर्ग में सर्वाधिक होता है। इसके तहत विज्ञान वर्ग से स्नातक करने पर स्नातक के तीनों वर्षो व परास्नातक के दो वर्षो में पढ़ाई जारी रखने पर विद्यार्थियों के समुचित पढ़ाई व शोध कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा 80 हजार रूपए प्रति वर्ष दिए जाने की व्यवस्था है। इस वर्ष चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी होने के बाद से ही अभ्यर्थी साइट खुलने का इंतजार कर रहे हैं। अगस्त-सितंबर महीने में कुछ लोगों के पंजीकरण तो हुए लेकिन उस पंजीकरण के तहत फार्म भरने की प्रक्रिया अभी तक पूरी नही हो सकी है। लोग इस उम्मीद में एक-एक दिन बिताते गए कि साइट पर फार्म आज नही तो कल अपलोड हो जाएंगे। भविष्य में कुछ कर दिखाने का सपना संजोने वाले तमाम होनहारों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। मजे की बात यह है कि अभी तक न तो इस पर सूबाई सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की गई और न ही केंद्र सरकार ने कोई पहल की। इसमें चयनित होने के लिए प्रयासरत छात्राएं जूही खान, रूबी खान, स्वाती त्रिपाठी, रेनू, शांती, शिल्पी तिवारी, संजना यादव आदि का कहना है कि यदि इसकी तिथि बढ़ाई नहीं गई तो हम सबके मंसूबों पर तो पानी फिरेगा ही केंद्र सरकार की वह सोच भी धराशायी हो जाएगी जिसके तहत विज्ञान के क्षेत्र में लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।