कासगंज (एटा) : शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन वर्ष की राह आसान नहीं है। विभागीय अव्यवस्थाओं के चलते सरकार का सपना साकार होता नहीं दिख रहा है। अभी तक शिक्षामित्रों को हरी झंडी नहीं मिली है और इधर प्रशिक्षु अध्यापकों का वेतन तो दूर मानदेय भी लटका हुआ है। आर्थिक समस्या से मानसिक तनाव में आए शिक्षक अब शिक्षा की ओर नहीं बल्कि अपनी समस्या का हल ढूंढ रहे हैं।
जिले में पहले से ही शिक्षकों का अभाव है। कहीं विद्यालय एकल हैं तो कहीं विद्यालय बंद पड़े हैं। प्रशिक्षु अध्यापकों से विद्यालय खुलवा भी लिए गए हैं तो उन्हें उनकी समस्या में उलझा दिया गया है। ऐसे में वह समस्या को लेकर संघर्ष कर रहे हैं तो शिक्षण कार्य प्रभावित होना आवश्यक है। इन शिक्षकों को तैनाती के बाद स्कूल आवंटित तो कर दिए गए लेकिन वेतन तो दूर प्रशिक्षण का मानदेय भी इन्हें नहीं मिल रहा। इसके लिए सीधे सीधे विभाग को लापरवाह माना जा रहा है।
सत्यापन के नाम पर ढिलाई
नियमानुसार जिन शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है। उन्हें सत्यापन कराकर वेतन दिया जाना चाहिए। ऑनलाइन सत्यापन की व्यवस्था भी है। शिक्षक संघ का आरोप है कि विभाग जानबूझकर नवनियुक्त शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहा है।
शिक्षक संघ करेगा आंदोलन
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन न दिलाया गया तो संघ आंदोलन करेगा। जिलाध्यक्ष शुभनेश यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिलीप यादव, जिला उपाध्यक्ष मुनेश राजपूत, महामंत्री खूबेंद्र लोधी ने कहा है कि अब आंदोलन की राह पकड़ना मजबूरी है।
चल रही है प्रक्रिया
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान ¨सह का कहना है कि शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। सत्यापन के बाद वेतन दे पाना संभव हो सकेगा।