मतगणना के बाद अब जनसंख्या रजिस्टर का काम करेंगे मास्साब
जागरण संवाददाता, आगरा: परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक अब पढ़ाई छोड़कर बाकी सारे काम करेंगे। इस साल तो उन्होंने अभी तक ऐसा ही किया है। पहले बीएलओ, फिर जिला पंचायत चुनाव फिर मतगणना। काम यहीं खत्म नहीं हुआ, शिक्षकों को अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के काम में लगाया गया है।
परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए कवायद की जा रही है। शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करने की बात कही गई। मगर शिक्षक पढ़ाई की जिम्मेदारी के अलावा दूसरी जिम्मेदारी पूरी करने में लगे हैं। बच्चे स्कूल आते हैं, मिड-डे मील खाते हैं, खेलते हैं और लौट जाते हैं। वर्तमान शैक्षिक सत्र में तो ज्यादातर दिन ऐसा ही हुआ है। सत्र की शुरुआत होने के साथ शिक्षकों को जिला पंचायत चुनाव के सर्वे के काम में लगाया गया। जब यह काम पूरा हुआ तो पंचायत चुनाव आ गए। चुनाव के बाद मतगणना पूरी कराई। शिक्षकों ने अभी स्कूल की तरफ रुख किया ही था कि प्रधानी चुनाव की घोषणा हो गई। नवंबर और दिसंबर चुनाव कराने और मतगणना में निकल गया। माना जा रहा था कि जनवरी में स्कूलों में पढ़ाई फिर पटरी पर आएगी। मगर ऐसा होने से पहले अब शिक्षकों को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के काम में लगा दिया है। शिक्षकों की इस नई जिम्मेदारी से बच्चों की पढ़ाई फिर प्रभावित होगी।
शिक्षक करेंगे विरोध
सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में न लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद भी शिक्षकों से ये काम लिए जा रहे हैं। अब शिक्षक इसका विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र राठौर का कहना है कि वो इसके खिलाफ बीएसए से मुलाकात कर ज्ञापन देंगे।