कानपुर, जागरण संवाददाता: सरकारी विद्यालयों में अव्यवस्थाओं का अंबार है। बीते माह विद्यालयों में कराई गईं अद्र्धंवार्षिक परीक्षाओं को न तो शिक्षकों न ही विभागीय अफसरों ने गंभीरता से लिया। कई सरकारी विद्यालय ऐसे हैं, जहां अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं को जांचा ही नहीं गया वहीं जब इस संबंध में डीआईओएस से पूछा गया कि क्या उन्होंने परीक्षा संबंधी कोई जानकारी विद्यालयों से की है तो उन्होंने इंकार कर दिया जबकि परीक्षा शुरु होने से पहले अफसरों ने कहा था कि वह विद्यालयों का निरीक्षण कर हकीकत जानेंगे पर सुधार तभी हो सकता है अफसर जब विद्यालयों के निरीक्षण को गंभीरता से लें। इस संबंध में उप्र. प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष आरसी शर्मा का कहना था कि शिक्षकों का ये दायित्व है कि उन्हें उत्तरपुस्तिकाओं को जांचना चाहिए था। इसका जिक्र तो शैक्षिक पंचांग में भी किया गया है। डीआईओएस मुहम्मद इब्राहिम ने कहा कि वह नौंवीं और 11वीं कक्षा की परीक्षाओं की समीक्षा तो करते हैं लेकिन अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की समीक्षा का प्रावधान नहीं है। हालांकि बोले अगर किसी विद्यालय की शिकायत मिलेगी तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करेंगे
BASIC SHIKSHA, APAAR, UDISE : निजी व सरकारी विद्यालयों में अपार आईडी बनाने
को लगा रहे कैंप, पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर होगी समीक्षा, सरकारी स्कूलों
में 52 फीसदी की नहीं बनी अपार आईडी
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*BASIC SHIKSHA, APAAR, UDISE : निजी व सरकारी विद्यालयों में अपार आईडी बनाने
को लगा रहे कैंप, पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर होगी समीक्षा*, *सरकारी
स्कूलों मे...