बस्ती : शिक्षा को बाजारीकरण से बचाने के लिए गुरुजनों को पहल करना होगा। शिक्षक ज्ञान देते हैं और गुरु इस बात का ध्यान देते हैं कि शिष्य को को कौन सी दिशा में ले जाना है।
यह उद्गार प्रांत प्रचारक मुकेश ने व्यक्त किया। वे सरस्वती शिशु मंदिर के परिसर में संस्कृति प्रसार समिति के तत्वावधान में रविवार को आयोजित शिक्षक कौशल विकास कार्यशाला को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, स्वामी विवेकानंद के गुरु राम कृष्ण परमहंस आदि के योगदान को रेखांकित करते हुए गुरु-शिष्य संबंधों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि आज भारतीय मेधा का पूरी दुनिया ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में लोहा मान रही है। गुरु-शिष्य परंपरा को बाजारीकरण से बचाने की जरूरत है।
आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रशिक्षक डा. एनएस नीलकंठन ने कहा कि समाज संसाधन होने के बाद भी तनावग्रस्त है। लोगों को संसार के गतिविधियों की जानकारी है ¨कतु मां बाप की खबर नहीं है। बच्चे इसी का अनुकरण करते हैं। 80 फीसद लोग सुरक्षित जोन में रहना चाहते हैं, जबकि 20 प्रतिशत रिस्क लेकर आगे बढ़ते हैं। शिक्षकों से सीधा संवाद बनाते हुए डा. कंठन ने कहा कि शिक्षक में समाज परिवर्तन की क्षमता है। वे अपनी योग्यता को पहचाने और विषम परिस्थितियों को अनुकूल बनाने की पहल करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा. आरके प्रताप ने कहा कि समाज में शिक्षकों का गौरव घट रहा है। यह प्रतिष्ठा फिर से स्थापित हो इसके लिए स्वयं पहल करनी होगी।
नगर पालिका अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्त ने शिक्षकों, अतिथियों व डा. नील कंठन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज निर्माण के क्षेत्र में संस्कृति प्रसार समिति की रचनात्मक पहल सराहनीय है।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर मां सरस्वती को नमन किया। सरस्वती वंदना, शांति पाठ के साथ संस्कृति प्रसार समिति के सह प्रबंधक महेश शुक्ल ने प्रांत प्रचारक मुकेश, संयोजक सुनील मिश्र ने डा. नील कंठन को अंग वस्त्रम्, श्रीफल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा डा. पृथ्वीराज ¨सह, प्राचार्य एपीएन कालेज दिलीप अस्थाना, डा. शरद चंद्र श्रीवास्तव, रिटायर कर्नल केसी मिश्रको बैज लगाकर सम्मानित किया गया।
डा. नीलकंठन को जगदीश, अर¨वद ¨सह चौहान सहित अन्य ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर धीरेंद्र शुक्ल, संतोष, दिनेश पाल, डा. वीरेंद्र तिवारी, शशि कला, नीलम ¨सह, सत्या मिश्रा, चंद्रभान ¨सह, सुरेंद्र दूबे, संस्थाध्यक्ष अशोक कुमार, कुलदीप ¨सह, डा. वेद प्रकाश श्रीवास्तव, सुरेश खत्री, मृदुला आदि मौजूद रहे।