नियुक्ति पत्र के लिए इधर-उधर भटकते रहे प्रशिक्षु शिक्षक : सैकड़ों प्रशिक्षु शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, एडीएम के आदेश को फर्जी बताने पर बिगड़ गई बात
लखीमपुर : सहायक अध्यापक पद पर मौलिक नियुक्ति के लिए भटक रहे प्रशिक्षु शिक्षकों का आक्रोश बुधवार उस वक्त भड़क गया जब शाम ढलने के बाद भी बेसिक शिक्षा कार्यालय में उनको नियुक्ति पत्र देने के लिए टरकाया जाने लगा। दूरदराज जिलों से आए प्रशिक्षु शिक्षक सुबह से शाम तक इंतजार में रहे कि अब उन्हें नियुक्ति पत्र मिलेगा, लेकिन एनवक्त आए बीएसए के तुगलकी फरमान से प्रशिक्षु शिक्षकों के सब्र का बांध टूट गया। प्रशिक्षु शिक्षक अपनी समस्या लेकर अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार से मिले तो उन्होंने बीएसए को नियुक्ति पत्र के संबंध में निर्देश दिए। हद तो तब हो गई जब एडीएम के उस आदेश को बेसिक शिक्षा विभाग के एक लिपिक ने फर्जी करार दे दिया। इस पर मामला और भड़क गया और मामला हाथापाई पर आने लगा। प्रशिक्षु शिक्षकों ने जब संबंधित लिपिक से एडीएम से बात करने को कहा तो वह किनारा कर गए। एडीएम भी बीएसए को फोन मिलाते रहे, लेकिन उन्होंने एडीएम का फोन नहीं उठाया।
72825 टीईटी प्रशिक्षुओं के दूसरे चरण की मौलिक नियुक्ति के लिए प्रशिक्षु शिक्षकों को 31 दिसंबर तक स्कूलों में कार्यभार ग्रहण करना है। बीएसए ने 30 दिसंबर को मौलिक नियुक्ति आदेश देने की बात कही थी। बुधवार की सुबह से ही 574 प्रशिक्षु शिक्षक व शिक्षिकाएं मौलिक नियुक्ति पत्र पाने के लिए सुबह से ही डेरा डाले बैठे थे, लेकिन उन्हें आज भी निराश होना पड़ा। इसको लेकर प्रशिक्षु शिक्षकों में आक्रोश और हताशा रही। एक प्रशिक्षु सुनील कुमार सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग की हीलाहवाली के चलते द्वितीय चरण के शिक्षकों के बैच में ही वह जूनियर हो जाएंगे। कई जिलों में द्वितीय चरण के शिक्षकों को मौलिक नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। शहर कोतवाल डीसी श्रीवास्तव भी बीएसए आफिस पहुंचे, वहां हंगामा कर रहे प्रशिक्षु शिक्षकों ने अपनी समस्या बताई। सुनील सिंह के मुताबिक शहर कोतवाल के बीएसए से बात करने पर उन्होंने एक जनवरी 2016 को नियुक्ति-पत्र जारी करने की सहमति जताई है। हालांकि इससे पहले बीएसए 4 जनवरी और 11 जनवरी को नियुक्त-पत्र देने की बात कर रहे थे। प्रशिक्षु शिक्षकों का कहना है कि जनवरी 2016 में मौलिक नियुक्ति मिलने पर उन्हें सैद्धांतिक रूप से नुकसान उठाना पड़ेगा, जिसकी भरपाई संभव नहीं है। इसमें प्रमोशन से लेकर इंक्रीमेंट तक प्रभावित होगा, लेकिन खीरी जिले का बेसिक शिक्षा विभाग प्रशिक्षु शिक्षकों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार नहीं है। जब बीएसए डॉ. ओपी राय से फोन कर जानकारी चाही गई तो प्रशिक्षु शिक्षकों के बाबत पूछते ही उन्होंने फोन काट दिया। 1दोबारा फोन करने पर रिसीव नहीं किया। बहरहाल मौलिक नियुक्ति पत्र के लिए देर शाम बीएसए कार्यालय पर डेरा डाले प्रशिक्षु शिक्षक-शिक्षिकाएं वापस लौट गए।