जागरण संवाददाता, एटा: बच्चे राष्ट्र की अमूल्य निधि है, इनका शिक्षित होना जरूरी है। स्वास्थ्य एवं स्वच्छता इसकी पहली सीढ़ी है।
यह उद्गार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सुनील कुमार ने संस्थान में आयोजित स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विषयक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
डायट प्राचार्य ने कहा कि आज बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे है, खेलने-कूदने और पढ़ने की उम्र में इन्हें रोगों से लड़ना पड़ रहा है। जिससे उनके मन मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे बच्चों की शिक्षा के साथ स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। उनके अभिभावकों को इसके लिए जागरूक करें। प्रशिक्षक डॉ. अनीता गुप्ता ने जहां व्यक्तिगत स्वच्छता के संबंध में जानकारियां प्रदान कीं। प्रशिक्षिका माधवी वाष्र्णेय ने भी शिक्षकों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया।
प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. रमेश चंद्र सक्सेना, प्रवक्ता शिवप्रताप ¨सह यादव, बीएल वर्मा आदि ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन संजय शर्मा ने किया। सकीट, शीतलपुर व निधौलीकलां विकास खंड की काफी शिक्षिकाएं मौजूद थीं।