जासं, इलाहाबाद : प्रदेश भर के जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य आंतरिक परीक्षा की मार्कशीट नहीं जारी कर रहे हैं। ऐसे में परीक्षा नियामक नियुक्ति पत्र देने का आदेश नहीं जारी कर पा रहा है और प्रशिक्षु शिक्षक नौकरी की बाट जोह रहे हैं।
प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के तहत 72,825 शिक्षकों की भर्ती शिक्षा विभाग ने निकाली थी। प्रदेश भर में 59 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई थी। 43 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों को सहायक अध्यापक बनाया जा चुका है। द्वितीय परीक्षा की मार्कशीट नहीं दिए जाने से सोलह हजार प्रशिक्षु शिक्षकों को मौलिक नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। यह समस्या प्रदेश भर के जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा मार्कशीट जारी नहीं किए जाने से हो रही है। प्रशिक्षु शिक्षकों के तीन माह के क्रियात्मक व तीन माह के सैद्धांतिक आंतरिक मूल्यांकन की मार्कशीट परीक्षा नियामक के पास डायट को जमा करनी होती है। उसी के उपरांत मौलिक नियुक्ति का आदेश परीक्षा नियामक जारी करता है। लेकिन तीन दर्जन से अधिक जनपदों के डायट प्राचार्य आंतरिक मूल्यांकन की मार्कशीट नहीं दे रहे। डायट प्राचार्यो की लापरवाही के चलते प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति में पेंच फंसा हुआ है। प्रशिक्षु शिक्षक अरविंद सिंह के मुताबिक मंगलवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव से प्रशिक्षु शिक्षकों ने मुलाकात की थी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जिन जनपदों से आंतरिक मूल्यांकन की मार्कशीट प्राप्त हो गई है वहां परिणाम घोषित करा दिया जाएगा। वहीं यूपी टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग सिंह ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से प्रशिक्षु शिक्षक परेशान हैं। वह आए दिन धरना प्रदर्शन करते हैं। अधिकारी आश्वासन देकर प्रशिक्षु शिक्षकों को चलता कर देते हैं। उनका कहना है कि निर्धारित तिथि तक परिणाम नहीं घोषित किए जाने पर वृहद आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।