बदायूं : सर्द हवाओं में कपड़ों की महत्ता भले ही नजर आने लगी हो, लोग भले ही गर्म कपड़े पहने नजर आ रहे हों, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की नजर में विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को ठंड नहीं लगती। शायद यही सोचकर यहां की अव्यवस्थाओं में सुधार नहीं लाया जा रहा है। हर साल लाखों रूपया खर्च होने के बाद भी तमाम विद्यालयों में ठंड से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। खिड़कियां टूटी होने की वजह से सर्द हवाएं सीधे अंदर प्रवेश कर रही हैं। वहीं अंदर भी कुछ ज्यादा अच्छी स्थिति नहीं है। विद्यालय के लिहाफ, गद्दे फट गए हैं।
सर्व शिक्षा अभियान की ओर से जिले में 18 बॉ विद्यालयों का संचालन कराया जा रहा है। छात्राओं को आवासीय सुविधा के अलावा घर जैसी हर सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए, लेकिन हालात कुछ और ही हैं। सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। सामान तो भेजा जाता है, लेकिन उसकी गुणवत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल तमाम विद्यालयों को भेजे गए लिहाफ, गद्दे फट चुके हैं। इसके लिए हर विद्यालय को बे¨डग का 75 हजार रूपया भेजा गया था। पिछले दिनों जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा ने विद्यालय की रखरखाव को हर साल दिए जाने वाले एक लाख रूपये से खिड़कियों पर फाइबर शीट लगवाने का निर्देश दिया था। कुछ विद्यालयों ने तो इसपर गौर किया, लेकिन कुछ लापरवाह ही बने रहे। कुछ विद्यालयों में लगाई गई फाइबर शीट गिरने लगी है। शिकायत होने पर बीएसए ने एक बार फिर विद्यालयों की व्यवस्थाएं जांचने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है। रिपोर्ट बीएसए को सौंपी जाएगी। लापरवाही होने पर संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। बीएसए ने बताया कि सभी विद्यालयों की वार्डनों को खिड़कियां पैक कराने का निर्देश दिया गया है जो विद्यालय भी इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बरतेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।