जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा) : शिक्षा विभाग में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की राह आसान नहीं है और शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन वर्ष की योजना परवान नहीं चढ़ रही है। विभाग की लापरवाही के चलते जनपद के प्रशिक्षु शिक्षक और सहायक अध्यापक समस्याओं में घिरे हुए हैं। कोई एरियर तो कोई मानदेय के लिए भटक रहा है। अब शिक्षक संघ ने आंदोलन की योजना बना ली है।
सरकार की मंशा है कि शैक्षिक वर्ष 2015-16 को शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन वर्ष के रूप में मनाया जाए इसके लिए करोड़ों रुपये अतिरिक्त खर्च किए गए लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही का दंश झेल रहे शिक्षक अपनी उलझन में उलझे हुए हैं ऐसे में शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन वर्ष को परवान नहीं चढ़ा पा रहे। चाहकर भी उनका ध्यान पढ़ाई की ओर इसलिए नहीं हो पा रहा कि वह आर्थिक समस्या से घिरे हुए हैं। विभागीय अनुदेशक भी परेशान हैं जिन्हें बीते 8 माह से मानदेय नहीं मिल रहा है तो प्रशिक्षु शिक्षकों को भी मानदेय के लिए दर दर ठोकरें खानी पड़ रही हैं। वेतन तो उन्हें कांटों भरी राह पर ही चलकर मिल सकता है क्योंकि विभाग इन शिक्षकों को सत्यापन की प्रक्रिया शुरू नहीं कर पा रहा है। इधर ऐसे शिक्षक जिनका एरियर बन चुका है, वे पहले तो कासगंज विभाग के चक्कर लगाते रहे और अब एटा कोषागार के चक्कर लगा रहे हैं क्योंकि अभी तक एटा कोषागार से ही उनका भुगतान होता है।
आंदोलन की है योजना
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शुभनेश यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिलीप महामंत्री खूबेंद्र लोधी, उपाध्यक्ष मुनेश कुमार का कहना है कि शिक्षक संघ शिक्षकों के हित के लिए संघर्ष कर रहा है और अब आंदोलन की योजना तैयार कर ली गई है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन दिया जा चुका है।
दिए गए हैं निर्देश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान ¨सह का कहना है कि शिक्षकों को समय से वेतन मिल सके इसके लिए प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश मिल चुके हैं कि माह की 25 तारीख तक हर हाल में वेतन बिल तैयार कराकर कोषागार भिजवाना सुनिश्चित करें।