सीतापुर : एलिया ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी/ तत्कालीन प्रभारी बीएसए रमन ¨सह ने अपनी गलत नीतियों से सैकड़ों प्रशिक्षु शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। मामला सीडीओ के पास पहुंचा तो सीडीओ ने प्रकरण को गंभीरता से लेकर तुरंत बीएसए को जांच के आदेश दिए और कार्रवाई के लिए तत्काल जांच आख्या सौंपने को कहा, लेकिन बीएसए की तरफ इस मामले में अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। यही नहीं बीएसए ने तो यहां तक कह दिया है कि सीडीओ ने उन्हें ऐसी किसी भी जांच के आदेश नहीं दिए हैं। उन्होंने खुद अपनी तरफ से शिक्षक संघ के शिकायती पत्र का संज्ञान लिया है और खंड शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है।
वाकया कुछ इस प्रकार है। 10 नंवबर को करीब 4 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के बाद बीएसए संजीव कुमार ¨सह अवकाश पर चले गए थे और अपना चार्ज रमन ¨सह को दिया था। 10 नवंबर को नियुक्ति पत्र वितरण के बाद बीएसए ने स्टॉफ की बैठक की थी, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि 14 नवंबर को तो बाल दिवस है, इसके बाद छुट्टियां हैं। इसलिए प्रशिक्षु शिक्षकों को 18 को ही विद्यालयों में ज्वाइन कराया जा सकेगा। बताते हैं कि प्रभारी बीएसए रमन ¨सह ने बीएसए की इसी बात का लाभ कमाया। मालूम हो कि 11, 12 व 13 नवंबर को अवकाश था। इसलिए प्रशिक्षु शिक्षक अपना मेडिकल भी नहीं बनवा पाए। 14 नवंबर को बाल दिवस था, इस दिन कुछ शिक्षकों ने अपना मेडिकल जरूर बनवा लिया। लेकिन बाल दिवस के दिन विद्यालय अधिक देर तक खुला नहीं और उस दिन खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर विद्यालय शिक्षक तक व्यस्त रहे। इसके बाद 15, 16 और 17 नवंबर को फिर अवकाश हो गया। ऐसे में सामान्य तौर पर अधिकाधिक प्रशिक्षु शिक्षक 18 या 19 नवंबर को ही विद्यालय में ज्वाइन कर पाए। लेकिन इस बीच में खेल यह हुआ कि एलिया ब्लॉक में सैकड़ों प्रशिक्षु शिक्षकों को 14 नवंबर को ही विद्यालय में ज्वाइन करना दिखा गया, जो सामान्यत: संभव नहीं है। इस खेल से वह प्रशिक्षु शिक्षक प्रभावित हुए जो 18 या 19 नवंबर को विद्यालय में ज्वाइन किए। अर्थात 14 नवंबर को ज्वाइन करने वाले प्रशिक्षु शिक्षक 18 या 19 नवंबर को ज्वाइन करने वाले शिक्षकों से सीनियर हो गए। बताते हैं कि इसकी भनक जब उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के नेताओं को लगी तो विरोध शुरू हो गया। नेताओं ने खंड शिक्षा अधिकारी रमन ¨सह के विरुद्ध धन उगाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को दिया। डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने मामले की जांच के लिए तुरंत बीएसए को आदेश जारी किए थे। जिस पर अभी तक मामला लंबित चल रहा है।