ड्रेस की आस में उदास छात्र
सिद्धार्थनगर :
सुनकर आप भले ही चौंक जाएं, मगर यह सच है कि साल बीतने के करीब पहुंच रहा है, मगर बच्चों को अभी तक स्कूली ड्रेस नसीब नहीं हुआ है। जबकि उक्त मद का पैसा बहुत पहले ही प्रबंधन समिति के खाते में भेजा जा चुका है। कहने के लिए स्कूल पर चार अध्यापकों की तैनाती है, मगर उपस्थिति प्रतिदिन सिर्फ एक की रहती है। दोपहर का भोजन सिर्फ कागजों में खिलाया जा रहा है।
भनवापुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय सहदेइया की पोल सोमवार को खुली। सुबह ग्यारह बजे स्कूल पर समायोजित शिक्षिका बच्चों को पढ़ाती मिली। जबकि तीन सहायक अध्यापक गायब मिले। बिना ड्रेस के एक ही कमरे में बैठे सभी कक्षा के बच्चों ने बताया कि आज तक ड्रेस नहीं मिली। जबकि अगल-बगल के स्कूलों में पढ़ने वालों को बहुत पहले ही मिल चुका है। 102 नामांकित बच्चों में सिर्फ पचास की उपस्थिति रही, जिसमें अधिकांश बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत मिले। भवन से लेकर परिसर की दशा काफी खराब मिली। अभिभावकों में अनिल कुमार, रक्षाराम, तिलकराम ने बताया कि स्कूली दशा काफी खराब होने से अब सरकारी स्कूल से मोह भंग हो रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी हृदय शंकर लाल श्रीवास्तव ने बताया कि यदि अभी तक ड्रेस नहीं बंटी है तो गंभीर मसला है। सभी ¨बदुओं की जांच करेंगे, यदि शिकायत सही मिली तो संबंधित पर कड़ी कार्रवाई तय है।