इंदरपुर (बलिया) : परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन मजाक बनकर रह गया है। कतिपय अध्यापकों की मटरगश्ती के चलते कुछ बच्चे आते भी हैं तो वह पढ़ने की बजाय गुल्ली-डंडा खेलने में ही लगे रहते हैं। चिलकहर विकास खंड में कुल 134 प्राथमिक विद्यालय हैं जिसमें 16500 छात्र हैं वहीं जूनियर के 58 विद्यालयों में 4575 छात्र-छात्राओं ने अपना नामांकन किया है ¨कतु धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। दोनों विद्यालयों के 21 हजार छात्रों के सापेक्ष इसकी उपस्थिति चार हजार से भी कम है। मिड डे मील का पैसा भी उपस्थिति दिखाकर उतार लिया जाता है। परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों पर यह प्रश्न चिह्न लगाया जा रहा है कि क्या 30 हजार से अधिक वेतन पाने वालों के ऊपर तीन हजार रुपये पाने वाले कांवेंट के अध्यापक भारी पड़ रहे हैं। इस संबंध में सहायक बेसिक शिक्षाधिकारी लालमनी कन्नौजिया ने बताया कि हर हाल में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराना हमारा दायित्व है। जो अध्यापक स्कूल में बच्चों की संख्या अच्छी नहीं लाएंगे व स्वयं उपस्थित नहीं रहेंगे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी
BASIC SHIKSHA, APAAR, UDISE : निजी व सरकारी विद्यालयों में अपार आईडी बनाने
को लगा रहे कैंप, पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर होगी समीक्षा, सरकारी स्कूलों
में 52 फीसदी की नहीं बनी अपार आईडी
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*BASIC SHIKSHA, APAAR, UDISE : निजी व सरकारी विद्यालयों में अपार आईडी बनाने
को लगा रहे कैंप, पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर होगी समीक्षा*, *सरकारी
स्कूलों मे...