एटा : प्रमाण पत्रों की सुरक्षा से खींचे हाथ, संसाधनों और सुरक्षा के अभाव में सत्यापन प्रक्रिया की हवा निकल रही
एटा : संसाधनों और सुरक्षा के अभाव में सत्यापन प्रक्रिया की हवा निकल रही है। अभ्यर्थियों के मूल अभिलेखों की सुरक्षा से डायट प्रशासन ने हाथ खींच लिए हैं। प्रमाण पत्रों के गुम होने के जोखिम से बचने के लिए डायट ने अभ्यर्थियों को अपने मूल अभिलेख वापस ले जाने के निर्देश जारी किए हैं। इससे फर्जी प्रमाण पत्रों का सहारा लेकर शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थियों की पौ बारह हो गई है।
बीटीसी में प्रवेश के दौरान अभ्यर्थियों से मूल प्रमाण पत्र जमा कराए जाते हैं। जिनको डायट प्रशासन सत्यापन न होने तक अपने पास सुरक्षित रखता है। प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराने के बाद अभिलेख अभ्यर्थियों को वापस किए जाते हैं लेकिन जिले में डायट ने अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र वापस ले जाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि हरचंदपुर कलां स्थित जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान में अभ्यर्थियों के मूल अभिलेखों को सुरक्षित रखने के लिए न तो स्ट्रांग रूम हैं और न ही कोई अन्य संसाधन। इसके साथ ही डायट सत्र 2013 के बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन में जुटा हुआ है। ऐसे में इन दिनों मूल अभिलेखों को वापस लेने के लिए डायट पर प्रशिक्षणार्थी पहुंचने लगे हैं। वहीं डायट प्रशासन के फैसले के बाद सत्यापन प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। निर्देशों के बाद फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।