सिकंदराबाद: नगर के निजी विद्यालय की छत गिरने से हुई बच्ची की मौत के बाद स्कूल को बंद करा दिया गया। उसमे पढने वालों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है। लेकिन नगर के ही एक परिषदीय विद्यालय में भी बच्चों की जान दाव पर लगी हुई है। छत की हालत जर्जर है किसी भी दिन कोई हादसा हो सकता है। खतरे को भांप कर बच्चों को बाहर बैठा कर पढाया जाता है। कई बार शिकयत करने के बावजूद इस ओर अफसरों को कोई ध्यान नही गया है।
नगर के मोहल्ला कायस्थवाडा मे स्थित मक्खनलाल जूनियर हाईस्कूल की कमरे की छत उस समय गिर गई थी। जब कमरे मे छात्र पढ रहे थे।छत के मलबे मे दर्जनों बच्चे दबकर गंभीर घायल हो गए थे। जबकि एक बच्ची सोनिया की मौत हो गई थी। प्रशासन ने स्कूल संचालक पर शिकंजा कसा और उसके खिलाफ कार्रवाई कर स्कूल पर ताला लगवा दिया। लेकिन नगर के परिषदीय विद्यालयों के भवनों की हालत भी इससे जुदा नही है। नगर के मोहल्ला शेखवाडा स्थित प्राथमिक विद्यालय नं-6,7 के कमरों की छत भी जर्जर हो चुकी है। विद्यालय में पढने वालों बच्चों पर हमेशा खतरे के बादल मडराते रहते हैं। कमरों का सीमेट कई बार टूट कर गिर चुका है। जिसमे बच्चे ओर शिक्षक बाल-बाल बच चुके हैं। जिसके चलते बच्चो को खुले में बैठना पड़ता है। यदि यहां कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। वही स्कूल में स्थित शौचालय की हालत भी बद से बदतर है। शिक्षा विभाग इस ओर से आंखे मूंदे बैठा है। स्कूल की शिक्षिका रेनू ने बताया कि इसकी शिकायत कई उच्च अधिकारियों से की जा चुकी है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई। वही नगर शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ऐसे स्कूलों की रिपोट बनाकर भेजी जा रही है। बच्चों की सुरक्षा विभाग की प्राथिकता है। शीघ्र ही स्कूलो की हालत में सुधार होगा।