जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): शहर के कई सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के सिर पर मौत मंडरा रही है। विद्यालय भवनों की गिरासू छत किसी दिन छात्र-छात्राओं की जान भी ले सकते हैं। इसके बाद भी शिक्षा विभाग के अफसर बेपरवाह बने हुए है। विद्यालयों की मरम्मत कराई जा रही है न ही रंगाई-पुताई।
शहर में 16 प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें तीन विद्यालय किराए के भवन में और बाकी विद्यालय सरकारी भवन में संचालित हैं। इन विद्यालयों की रंगाई-पुताई को इस साल सितंबर माह में स्कूलों के खातों में 5-5 हजार की राशि भेजी गई थी। इसी तरह जीर्ण-शीर्ण भवनों की मरम्मत के लिए भी सरकार पैसा देती है। लेकिन ये दोनों ही कार्य कई साल से नहीं कराए जा रहे हैं। गोदा विहार क्षेत्र में गोस्वामी छबीले लाल प्राथमिक विद्यालय, बांके बिहारी प्राथमिक विद्यालय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रा. विद्यालय की हालत ज्यादा ही खराब है। इनमें से बांके बिहारी प्राथमिक विद्यालय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रा. विद्यालय एक ही भवन में हैं। तीन दशक पुराने तीनों विद्यालयों की छत गिरासू हालत में है।
बांके बिहारी प्राथमिक विद्यालय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी विद्यालय के छात्र बरामदे में पढ़ने को विवश हैं। इनमें डेढ़ सैकड़ा से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। बांके बिहारी प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका बबीता ने बताया, हादसे की आशंका से वह काफी समय से सभी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को बारी-बारी से बरामदे में बैठाकर पढ़ाती हैं।
-खंड शिक्षाधिकारी नहीं आते वृंदावन
प्राथमिक विद्यालयों के कर्मचारियों ने बताया, वृंदावन के खंड शिक्षाधिकारी एसपी ¨सह यहां नहीं आते, मथुरा में ही बैठकर काम देखते हैं। उनके पास वृंदावन के अलावा कई और क्षेत्रों का कार्यभार बताया है। खंड शिक्षाधिकारी का कार्यालय गोस्वामी छबीले लाल प्राथमिक विद्यालय के परिसर में ही है।