कालपी, संवाद सहयोगी : नगर के परिषदीय विद्यालयों का हाल बद से बदतर है। इन विद्यालयों का हाल न तो कोई देखने वाला और न ही शिक्षकों को कार्यवाही का डर है। तभी तो विद्यालयों में न शिक्षक आते हैं और न ही बच्चे।
बुधवार को नगर के कोतवाली के समीप स्थित माध्यमिक विद्यालय रावगंज में स्थिति यह थी कि स्कूल में न तो शिक्षक थे और न ही बच्चे और स्कूल खुला था। विद्यालय के एक कक्ष में रसोइया बेंच के ऊपर सो रही थी। यहां पर न तो दूध बंटता नजर आ रहा था और न ही मध्याह्न भोजन। जब रसोइया से बच्चों व शिक्षक के विषय में पूछा गया तो वह उत्तर न दे सकी। आगे इसी रोड पर स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय रावगंज में 61 बच्चों के स्थान पर मात्र 6 बच्चे ही उपस्थित थे। यहां पर भी दूध व मध्याह्न भोजन का नामोनिशान नहीं था। विद्यालय में पढ़ने वाले गोपाल, अंजनी, मुवीन से जब मध्याह्न भोजन के विषय में पूछा गया तो वहां की प्रभारी प्रधानाध्यापक पूर्णिमा पहले से बोल पड़ीं कि भोजन रोज बनता है। फिलहाल बच्चों ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था तो लापरवाही की भेंट चढ़ी ही है साथ ही मध्याह्न भोजन महज कमाई का जरिया बना है। जिससे यहां पढ़ने वाले बच्चों की न तो पढ़ाई हो पा रही है और न सरकार की मंशा के अनुरूप भोजन मिल पा रहा है। बीईओ महेश शर्मा ने बताया कि जांच कर कार्यवाही की जायेगी।