एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़े

अटेवा अयोध्या अवकाश आंगनबाड़ी आंदोलन इलाहाबाद उत्तर प्रदेश उन्नयन उन्नाव उपस्थिति एनपीएस कन्वर्जन कास्ट कस्तूरबा कानपुर कार्यवाही कुशीनगर क्रीड़ा प्रतियोगिता गाजीपुर गोण्डा गोरखपुर चंदौली चुनाव जनपदवार खबरें जनपदीय रैली जर्जर भवन जीपीएफ जूनियर शिक्षक संघ जौनपुर ज्ञापन झांसी डायट देवरिया देहरादून नई दिल्ली नवोदय विद्यालय निपुण बैठक निरीक्षण निलम्बन नोटिस पदोन्नति परीक्षा कार्यक्रम पीलीभीत प्रतापगढ़ प्रदर्शन प्रयागराज प्रशिक्षण प्राथमिक शिक्षक संघ फर्जीवाड़ा बस्ती बायोमीट्रिक हाजिरी बेसिक क्रीड़ा प्रतियोगिता महराजगंज माता उन्मुखीकरण लखनऊ वाराणसी शाहजहांपुर शिक्षा विभाग संतकबीरनगर सिद्धार्थनगर

Search Your City

बलरामपुर :सात साल में शिक्षण कार्य से टूटा "अनुराग "

0 comments

बलरामपुर:अनुराग यादव जिले के लिए चर्चा का पर्याय बना यह जाना पहचाना नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अध्यापन जैसे उस पवित्र कार्य से सात साल में ही मोहभंग होने से है जिसकी हकीकत से शायद बहुत कम लोग वाकिफ हैं। बात हम वर्तमान डॉ. अनुराग यादव की कर रहे हैं जो स्वयंसेवी संस्था के जरिए सफलता की ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं और एक बड़े समूह के कर्ताधर्ता हैं। हाल ही में प्रदेश के जंतु उद्यान, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. एसपी यादव के परिजनों के खिलाफ जिला पंचायत चुनाव में अपने तीन परिजन जिताने में सफल रहे अनुराग का अब अध्यापन से "अनुराग " टूट गया है। इस कारण उन्होंने इस पेशे से इस्तीफा दे दिया है। वर्ष 2001 बैच के बीटीसी अनुराग को बतौर सहायक अध्यापक 13 फरवरी 2009 को हरैय्या सतघरवा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नंदनगर में तैनात किया गया। जुलाई 2013 में उन्हें विभागीय अधिकारियों की कृपा से प्रमोशन देकर इसी विद्यालय का प्रधानाध्यापक बना दिया गया। इस अवधि में वह शायद ही कभी स्कूल गए हों, लेकिन उन्हें अधिकारियों के रहमोकरम पर वेतन मिलता रहा। सूत्र बताते हैं कि लगभग 15-16 लाख रुपये का भुगतान भी किया गया है। सितंबर 2014 में अनुराग के स्कूल न जाने की शिकायत विभाग को मिली तो जांच की गई तो इस बात की पुष्टि हो गई कि वह स्कूल नहीं आते हैं। बाद में इसी निरीक्षण आख्या के आधार पर नवंबर 2014 में उन्हें निलंबित कर दिया गया और तीन सदस्यीय टीम गठित कर पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई। बताया जा रहा है कि जांच अतिम चरण में थी और दो-तीन दिन में इसकी रिपोर्ट सौंपी जानी थी। इसी बीच अनुराग ने पारिवारिक कारणों का हवाला देकर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह कहते हैं कि त्यागपत्र स्वीकार भी कर लिया गया है। रिपोर्ट मिलने पर वह आगे भी कार्रवाई की बात करते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बगैर स्कूल गए शिक्षक पर विभाग की यह दरियादिली आखिर क्यूं बनी रही।

जब तक पढ़ाया तब तक लिया वेतन : अनुराग

शिक्षक पद से त्याग पत्र देने के पीछे भी एक बड़ा कारण डॉ. अनुराग यादव बताते हैं। वह कहते हैं कि इसका खुलासा हम शीघ्र करेंगे। कहते हैं कि हम पढ़ाने जाते थे और जब तक पढ़ाया तब तक ही वेतन लिया है। निलंबन के बाद मुझे कहीं अटैच नहीं किया गया था।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।