हाथरस : वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ लड़ेंगे जंग, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर नई दिल्ली जंतर-मंतर पर हुए धरने में कर्मचारियों ने भाग लिया
हाथरस : अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर नई दिल्ली जंतर-मंतर पर हुए धरने में कर्मचारियों ने भाग लिया। राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रामकुमार गोस्वामी ने कहा कि समस्त राज्यों में सप्तम वेतन आयोग के विरोध में एक मजदूरों किसानों की उत्पीड़नात्मक कार्रवाईयों के विरोध में एक साथ हड़ताल की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
धरने से लौटने पर प्रदेश उपाध्यक्ष ने बताया कि केंद्र सरकार पूरी तरह कर्मचारी मजदूर विरोधी सरकार है। इसके खिलाफ कर्मचारियों को तैयार हो जाना चाहिए। 33 वर्ष की सेवा पूर्णकर सेवानिवृत्त वाले ¨बदु को सरकार ने अपने एजेंडे से हटा दिया है। कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलनों में तय मानक के अनुसार न्यूनतम वेतन 26000 न दिया जाना कर्मचारियों को दोहन है। सरकारी कार्यों में जुड़े संविदा एवं मानदेय पर आधारित अन्य कर्मचारियों जैसे आंगनबाडी, आशा, रोजगार सेवक, होमगार्ड, पीआरडी आदि को 15000 न्यूनतम मानदेय न दिया जाना देश के मजदूरों के साथ धोखा है। 5 वर्ष विधायक या सांसद बनने पर पेंशन दी जाती है परंतु 60 वर्ष तक देश की सेवा करने वाले कर्मचारियों से 2004 के बाद पेंशन सुविधा छीना जाना देश के सरकारी सेवा में आने वाले हर युवा के परिवार के साथ धोखा है। इसका विरोध पूरे भारत वर्ष में एक साथ करने की तैयारियां युद्ध स्तर पर है। 19 दिसम्बर को होने वाली राज्य कर्मचारी महासंघ की प्रदेश स्तरीय बैठक में जनपद के पदाधिकारी भाग लेंगे। संघीय पदाधिकारियों के साथ 80 कर्मचारियों ने दिल्ली में भागेदारी की। इनमें महावीर ¨सह, रमेश चंद्र, बनवारी लाल, वारिस अंसारी, रक्षपाल ¨सह, बॉबी हसन, मोहम्मद उमर, हरेंद्र पाल ¨सह, इरफान आदि शामिल रहे।
📢 हाथरस : वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ लड़ेंगे जंग, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर नई दिल्ली जंतर-मंतर पर हुए धरने में कर्मचारियों ने भाग लिया
जवाब देंहटाएं👉 READ MORE 👇👆 http://www.basicshiksha.net/2015/12/blog-post_74.html