लखनऊ : यूपी बोर्ड के बच्चे अब प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार की लिखी नैतिक शिक्षा की किताब पढ़ेंगे। अनिवार्य विषय 'नैतिक, शारीरिक एवं मानवाधिकार शिक्षा' की यह यूपी बोर्ड की अधिकृत किताब होगी। राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को किताब का विमोचन किया। जितेंद्र कुमार के साथ इसमें तीन और लेखक हैं। इनमें एक और आईएएस लव वर्मा व दो अन्य हैं। गवर्नर ने अंग्रेजी में लिखी इस किताब का हिंदी में अनुवाद करवाने को कहा है।
यूपी बोर्ड में नैतिक एवं शारीरिक शिक्षा एक अनिवार्य विषय है। बोर्ड पाठ्यक्रम का निर्धारण करता है। उसके आधार पर कोई भी प्रकाशक-लेखक अपनी किताब छाप सकता है। बोर्ड उनमें से कुछ प्रकाशकों को अधिकृत करता है। वह बोर्ड की अधिकृत किताब मानी जाती है।
पहले प्रधानाचार्यों, विशेषज्ञों से भी सलाह ले लेनी चाहिए। उच्चाधिकारियों की ओर से गुपचुप लागू की जा रही किताब कितनी व्यावहारिक होगी, यह तो देखने के बाद ही पता चलेगा। -डॉ. जेपी मिश्र, अध्यक्ष प्रधानाचार्य परिषद
नैतिक शिक्षा की किताब को लिखने वाले दोनों आईएएस जितेंद्र कुमार और लव वर्मा कई आरोपों से घिरे रहे हैं। जितेंद्र कुमार परिवहन विभाग में थे तो हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट घोटाले में विवादित रहे थे। बाद में वह सस्पेंड भी हुए थे। वहीं, लव वर्मा भी जब यूपी में थे तो उन पर कई आरोप लगे थे। इस बारे में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि बच्चे उनकी लिखी नैतिकता की किताब पढ़ेंगे जो भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं।
📌 लखऊ : यह कैसी नैतिकता? : अपनी ही किताब पढ़वायेंगे माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव
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