बदायूं : निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति पर म्याऊं ब्लाक के तीन विद्यालयों को रिकवरी की चेतावनी दी गई है। भविष्य में यही छात्र संख्या होने पर प्रधानाध्यापकों से रिकवरी की जाएगी। निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम मिली थी। इसके अलावा तीन विद्यालयों के बंद मिलने पर स्टाफ पर एक दिन का वेतन काटने की संस्तुति हुई है और चार विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण से संतुष्ट न होने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
तमाम चेतावनी के बाद भी परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। कहीं शिक्षक-शिक्षिकाएं गैरहाजिर रहते हैं तो कहीं विद्यालय खोला ही नहीं जाता। ऐसे ही लापरवाही बरतने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की गई है। म्याऊं ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी प्रवीन शुक्ल ने विद्यालयों का निरीक्षण किया। गौरामई के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत 106 में मात्र 17 छात्र-छात्राएं ही उपस्थित मिले। चांद बराई उच्च प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत 46 में 21 बच्चे मौजूद मिले। निरीक्षण के दौरान बच्चों से बात करने पर उन्हों चीख-चीखकर बताया कि विद्यालय में बच्चों को कभी रोटी वितरित नहीं होती है। हमेशा ही पीले चावल दिए जाते हैं। दियोरिया प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत 250 बच्चों में सौ बच्चे उपस्थित मिले। एमडीएम में भी अनियमितताएं मिलीं। इन सभी विद्यालयों में छात्र संख्या बेहद कम होने पर एक बार और सुधार करने का मौका दिया गया है। अगली बार के निरीक्षण में छात्र-छात्राओं की संख्या कम मिलने पर रिकवरी की संस्तुति की जाएगी। इस दौरान नवादा, बिलहरी के प्राथमिक विद्यालय व नवादा, सैदपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय सुबह लगभग साढ़े नौ बजे बंद मिले। इन विद्यालयों के स्टाफ का एक दिन का वेतन काटने की संस्तुति की गई है। साथ बिलहरी के उच्च प्राथमिक विद्यालय में मुशर्रफ हुसैन, जीआउद्दीन, सैदपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में जावेद अहमद, इफ्तिदार अली, असलम खां और गौरामई प्राथमिक विद्यालय में गुलनारा बेगम अनुपस्थित मिलीं। गैरहाजिर रहे इन शिक्षक-शिक्षिकाओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिससे संतुष्ट न होने पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। प्रवीन शुक्ल ने बताया कि भविष्य में सुधार न होने पर माना जाएगा कि इन विद्यालयों में हमेशा ही इतने बच्चे उपस्थित रहते हैं और एमडीएम में बच्चों की संख्या ज्यादा दिखाई जाती है। जिसके चलते उपस्थित बच्चों की उपस्थिति के अनुसार उनसे रिकवरी की जाएगी।