इलाहाबाद : 337 शिक्षकों को प्रमोशन का तोहफा, प्रवक्ता महिला, पुरुष एवं एलटी ग्रेड में केवल महिला शिक्षिकाएं प्रमोट, एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग अटका
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : आखिरकार लंबे इंतजार के बाद राजकीय माध्यमिक शिक्षकों को नए साल में प्रमोशन का तोहफा मिल गया है। प्रदेश भर के 337 शिक्षकों को प्रधानाचार्य बनाया गया है। यह सारे पदस्थापन रिक्त पदों पर किए गए हैं। असल में माध्यमिक शिक्षकों के प्रमोशन पर एक साल से लगी रोक लगी थी, जिसे इसी साल के पहले हफ्ते में हटाने का फरमान जारी हुआ था। अब शिक्षकों को पंद्रह दिन के भीतर ज्वाइन करके रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है।
राजकीय कालेजों के माध्यमिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया 19 दिसंबर 2014 को शुरू हुई थी। सभी मंडलों से गोपनीय आख्या तलब की गई थी। तीन मार्च 2015 तक रिपोर्ट भेजना था, लेकिन 13 जनवरी 2015 को शिक्षा निदेशालय की ओर से पत्र जारी करके प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। साल भर के ऊहापोह के बाद आखिरकार शासन जनवरी 2016 में फिर से रुकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर सहमत हुआ। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक रमेश ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी। इसमें कहा गया कि जिन शिक्षकों की पूर्व में 2013-14 तक गोपनीय आख्या आ चुकी है उनकी वर्ष 2014-15 तथा शेष की आख्या भेजें। वहीं अन्य शिक्षकों की 2005-06 से 2014-15 तक आख्या भेजनी है। इसके बाद ही प्रमोशन किए जाएंगे।
हर संवर्ग को दिया गया लाभ : माध्यमिक शिक्षकों में हर संवर्ग की अलग वरिष्ठता है। राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड एवं प्रवक्ता की सूची अलग-अलग बनती है। एलटी ग्रेड के शिक्षक प्रमोशन पर प्रवक्ता नहीं होते, बल्कि वह भी प्रवक्ताओं की तरह की प्रमोशन लेकर सीधे प्रधानाचार्य बनते हैं। महिला व पुरुष का भी अलग-अलग संवर्ग है। इस वर्ष एलटी ग्रेड महिला संवर्ग में 158 शिक्षिकाओं को एवं प्रवक्ता की 59 शिक्षिकाओं को प्रमोट करके प्रधानाध्यापिका बनाया गया है। ऐसे ही पुरुष संवर्ग में प्रवक्ता के 120 शिक्षकों को प्रमोशन देकर प्रधानाध्यापक बनाया गया है।शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमर नाथ वर्मा, अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक रमेश, अपर शिक्षा निदेशक बेसिक विनय कुमार पांडेय अन्य अफसरों की अगुवाई में हुई विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) में सिर्फ एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग का प्रमोशन अटक गया है। बताते हैं कि एलटी ग्रेड संवर्ग का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण अफसरों ने उस संवर्ग को प्रमोट करने से परहेज किया।
पिछली बार भी ऐसा ही था रोड़ा
माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों का पिछले वर्ष प्रमोशन की बारी आने पर प्रदेश के मॉडल स्कूलों में समायोजित होने वाले शिक्षकों ने अपनी वरिष्ठता को लेकर रोड़ा अटकाया था। उनका कहना था कि जब वह मॉडल स्कूल में आ गए हैं तो उन्हें किस श्रेणी (एलटी ग्रेड या प्रवक्ता) में रखा गया है। इस मुद्दे पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। प्रकरण तूल पकड़ने पर शासन ने रोक लगा दी थी।