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जौनपुर : 75 घरों में 47 IAS...पंचायत भवन न PHC : जौनपुर की गद‌्दीपुर ग्रामसभा के माधोपट‌्टी मजरे का हाल

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जौनपुर : 75 घरों में 47 IAS...पंचायत भवन न PHC : जौनपुर की गद‌्दीपुर ग्रामसभा के माधोपट‌्टी मजरे का हाल

जौनपुर : 75 घर और 47 आईएएस। अफसर भी ऐसे-वैसे नहीं...कोई अमेरिका, स्पेन में राजदूत तो कोई तमिलनाडु का चीफ सेक्रेटरी। कोई बिहार में होम सेक्रेटरी हुआ तो कोई रेवेन्यू सर्विसेज के शीर्ष पदों पर काम करके रिटायर हुआ। इसके बावजूद जौनपुर जिले में गद‌्दीपुर ग्रामसभा के माधोपट‌्टी मजरे के लोगों के पास इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक नहीं है। ग्रामसभा के पंचायत भवन की कौन पूछे, जब गांव की करीब एक हजार से ज्यादा महिलाओं को शौच के लिए सुबह-शाम अंधेरे में खेतों का रुख करना पड़ता है।

आईएएस अफसरों से उम्मीद की जाती है कि वे देश की तकदीर बदल देंगे...पर गद‌्दीपुर ग्रामसभा और माधोपट‌्टी मजरे को 47 आईएएस और कई अन्य आईआरएस-पीसीएस मिलकर भी मूलभूत सुविधाएं नहीं दिलवा पाए हैं। गद‌्दीपुर के पूर्व प्रधान दिलीप सिंह और वर्तमान प्रधान वासुदेव यादव का साफ कहना है कि एक श्रीप्रकाश सिंह (एसपी सिंह), मौजूदा नगर विकास सचिव, को छोड़ ज्यादातर अफसरों ने गांव के लिए कुछ खास नहीं किया। यहां के लोगों का दावा है कि इस गांव ने आजादी से अब तक देश को सबसे ज्यादा आईएएस-पीसीएस दिए हैं। यह अलग बात है कि यहां से निकले ज्यादातर अधिकारी नौकरी पाने के बाद वापस झांकने तक नहीं आए।

गद‌्दीपुर ग्रामसभा के गांवों में जाने के लिए पक्की सड़कें तक नहीं हैं।

माधोपट‌्टी में संपन्न लोगों के घरों में चौपहिया गाड़ी जरूर है, लेकिन दूर-दराज तक एंबुलेंस नहीं है। ऐसे में इलाज के लिए गांव के बाहर बसे दलित-पिछड़े तबके के लोग बाइक या ठेले पर मरीज लादकर जौनपुर ले जाते हैं। सभी ग्रामसभाओं में एक पंचायत भवन होना ही चाहिए। इस ग्रामसभा के पास वह भी नहीं है।

ये निकले इस मिट‌्टी से

एम.हुसैन : 1947 से पहले के अफसर।

इंदु प्रकाश सिंह : आईएएस, कई देशों में राजदूत रहे।

विनय, क्षत्रपाल व अजय सिंह : तीनों इंदु के भाई। आईएएस विनय बिहार के मुख्य सचिव पद से रिटायर। बाकी दोनों 1964 में IAS बने। क्षत्रपाल तमिलनाडु के चीफ सेक्रेटरी रहे हैं। इंदु प्रकाश के बेटे अमिताभ और उनकी पत्नी सरिता, 1984 बैच की आईएएस। ये लोग आखिरी बार कब गांव आए थे, बुजुर्गों को भी याद नहीं है।

शशिकांत : आईएएस 1968 बैच। बेटा यशस्वी आईएएस, 2002 बैच।

अन्य : आशा सिंह आईएएस-1980, उषा सिंह आईएएस-1982, कुंवर चंद्रमौलि सिंह व पत्नी इंदु सिंह आईएएस-1983। प्रकाश सिंह (आईएएस), गरिमा सिंह (आईपीएस), सोनल सिंह (आईआरएस)।

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